
हाल ही में दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया जिसने नेटवर्क मार्केटिंग के जरिये आकर्षक रिटर्न का वादा करके पांच लाख से भी ज्यादा लोगों को तकरीबन 150 करोड़ रुपये का चूना लगाया. इस ठगी में कुछ चीनी नागरिक भी शामिल थे.
इस बीच सोशल मीडिया पर कुछ लोग कह रहे हैं कि भारत सरकार ने नेटवर्क मार्केटिंग को रोजगार देने के मामले में सबसे अव्वल पाया है. ऐसा कहने वाले लोग ‘आजतक’ टीवी चैनल का एक कथित स्क्रीनशॉट शेयर कर रहे हैं जिसमें लिखा है, “लो अब तो केंद्र सरकार ने भी माना नेटवर्क मार्केटिंग को रोजगार देने के मामले में सबसे तेज अब?”
इसके साथ ही एक ऐसे न्यूज बुलेटिन का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया जा रहा है, जिसमें किसी न्यूज चैनल का लोगो नहीं है. इसमें लिखा है, “नेटवर्क मार्केटिंग की रफ्तार अब रुकने वाली नहीं है क्योंकि अब तो...?”
इन दोनों स्क्रीनशॉट्स को पोस्ट करते हुए एक फेसबुक यूजर ने लिखा, “21वीं सदी की सबसे बड़ी क्रांति अब भी वक्त नहीं गया visulize करने की जरूरत है.”

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि न तो भारत सरकार ने नेटवर्क मार्केटिंग को रोजगार देने में अव्वल बताया है और न ही ‘आजतक’ ने ऐसी कोई खबर दिखाई है. न्यूज बुलेटिन के दोनों वायरल स्क्रीनशॉट एडिटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से बनाए गए हैं.
बहुत से लोग ऐसे फोटो भी शेयर कर रहे हैं जिन्हें देखकर लगता है कि ये किसी दूसरे न्यूज चैनल्स के स्क्रीनशॉट हैं. इनमें भी नेटवर्क मार्केटिंग की तारीफ की गई है.
नेटवर्क मार्केटिंग बिजनेस से जुड़े लोग इन स्क्रीनशॉट्स को धड़ल्ले से शेयर कर रहे हैं. कुछ तो इन्हें शेयर करते हुए अपने मोबाइल नंबर भी दे रहे हैं और अपने बिजनेस से जुड़ने की गुजारिश कर रहे हैं.
क्या है सच्चाई
‘आजतक’ न्यूज बुलेटिन के असली स्क्रीनशॉट से तुलना करने पर साफ पता चलता है कि वायरल स्क्रीनशॉट नकली है. इसमें कई शब्द गलत लिखे हैं, जैसे, ‘सेलिंग’ की जगह ‘सेल्लिंग’, ‘वालों’ की जगह ‘वालो’ लिखा है. एक जगह 'BreakIng' शब्द में 'I' कैपिटल लेटर में लिखा है तो दूसरी जगह इसकी स्पेलिंग 'Breakiing' लिखी गई है जो कि गलत है. इसमें बेहद भड़कीले रंग और फॉन्ट में 'GOOD NEWS' लिखा है, जो ‘आजतक’ की शैली नहीं है.
वायरल स्क्रीनशॉट में दाहिनी तरफ भारत का राजचिह्न अशोक लाट बना है, जो कि ‘आजतक’ के न्यूज बुलेटिन में नहीं इस्तेमाल होता है.

अगर भारत सरकार ने सचमुच नेटवर्क मार्केटिंग को रोजगार मुहैया कराने के मामले में अव्वल बताया होता तो सभी जगह इसकी चर्चा होती और प्रमुख वेबसाइट्स में इस बारे में खबरें छपी होतीं. हमें इस तरह की कोई खबर नहीं मिली.
नेटवर्क मार्केटिंग का फंडा
ऐसे रिश्तेदारों, दोस्तों और परिचितों से आपका भी वास्ता जरूर पड़ा होगा जो आपको कुछ सामान खरीदने को कहते हैं जो आम तौर पर दुकानों में नहीं मिलता. ये लोग आपको अपने नेटवर्क मार्केटिंग में एजेंट या बिजनेस पार्टनर बनाने की भी कोशिश करते हैं. नेटवर्क मार्केटिंग इस सिद्धांत पर चलता है कि किसी सामान को कंपनी से लेकर उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में बीच के स्टॉकिस्ट और रीटेलर जो कमाई करते हैं, उसे बचा कर अपने नेटवर्क में ही शेयर कर लिया जाए. इसीलिए नेटवर्क मार्केटिंग के जरिये बिकने वाली ज्यादातर चीजें दुकानों के बजाए उनके एजेंट सीधे उपभोक्ताओं को बेचते हैं. नेटवर्क मार्केटिंग में सिर्फ प्रोडक्ट को बेचने से नहीं, बल्कि नए मेंबर बनाने से भी कमाई होती है.
नेटवर्क मार्केटिंग के नाम पर कई बार धोखाधड़ी की शिकायतें भी आती हैं जिसको लेकर समय-समय पर सरकार लोगों को चेतावनी देती रहती है.
इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट सुबोध मार्कंडेय ने हमें बताया, “मल्टी लेवल मार्केटिंग को लेकर भारत में अलग से कोई कानून नहीं है. पर, उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत इससे संबंधित गाइडलाइंस समय-समय पर जारी की गई हैं. भारत में मल्टी लेवल मार्केटिंग से संबंधित धोखाधड़ी के कई मामले सामने आ चुके हैं. नेटवर्क मार्केटिंग कंपनियों के बेहतर नियंत्रण की कोशिशें लंबे समय से चल रही हैं.”
सुबोध मार्कंडेय के मुताबिक किसी नेटवर्क मार्केटिंग से जुड़ने से पहले आपको अच्छी तरह इस बात की जांच-परख कर लेनी चाहिए कि कहीं आप किसी धोखाधड़ी के शिकार न हो जाएं.