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फैक्ट चेक: गाड़ी से शराब बांटने का ये वीडियो पुराना है, किसान आंदोलन से नहीं है कोई संबंध

वीडियो में देखा जा सकता है कि एक गाड़ी के अंदर बैठा शख्स शराब बांट रहा है. बाहर खड़े लोगों का एक हुजूम हाथ में लोटा-ग्लास लिए शराब लेने के लिए मशक्कत करता दिखाई देता है. वीडियो के ऊपर लिखा है, "क्या यही पीने के लिए नकली किसान बन कर आंदोलन हो रहा है?” ‘आजतक फैक्ट चेक’ ने पाया कि ये वीडियो 11 अप्रैल 2020 से इंटरनेट पर मौजूद है, और हालिया किसान आंदोलन से इसका कोई लेना-देना नहीं है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में देखा जा सकता है कि हालिया किसान आंदोलन के दौरान किस तरह से किसानों को शराब बांटी जा रही है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये वीडियो अप्रैल 2020 से इंटरनेट पर मौजूद है और हालिया किसान आंदोलन से इसका कोई लेना-देना नहीं है.

पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन के बीच एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक गाड़ी के अंदर बैठा शख्स शराब बांट रहा है. बाहर खड़े लोगों का एक हुजूम हाथ में लोटा-ग्लास लिए शराब लेने के लिए मशक्कत करता दिखाई देता है. वीडियो के ऊपर लिखा है, "क्या यही पीने के लिए नकली किसान बन कर आंदोलन हो रहा है?”

इस वीडियो को किसानों के हालिया विरोध-प्रदर्शन से जोड़कर सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है. मिसाल के तौर पर, एक एक्स यूजर ने इस वीडियो को फेसबुक पर शेयर करते हुए लिखा, "किसान आंदोलन तो बहाना है, मुफ्त की दारू उड़ाना है." ऐसे ही एक वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

‘आजतक फैक्ट चेक’ ने पाया कि ये वीडियो 11 अप्रैल 2020 से इंटरनेट पर मौजूद है, और हालिया किसान आंदोलन से इसका कोई लेना-देना नहीं है. 

कैसे पता लगाई सच्चाई?

वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर ये हमें 11 अप्रैल, 2020 के एक फेसबुक पोस्ट में मिला. वहां वीडियो को एक मजाकिया अंग्रेजी कैप्शन के साथ शेयर किया गया था. 

हालांकि ये वीडियो कहां का और कब का है, इस बारे में पोस्ट में कोई जानकारी नहीं है. लेकिन एक बात यहीं साफ हो जाती है कि किसानों के हालिया आंदोलन से इस वीडियो का कोई लेना-देना नहीं है.

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सितंबर 2020 में केंद्र सरकार ने तीन कृषि विधेयकों को पारित किया था. इसके बाद, खास तौर पर, पंजाब और हरियाणा के किसान इसके विरोध में सड़क पर उतर आए थे. कई महीनों तक चले किसानों के इस आंदोलन के चलते सरकार को मजबूरन अपने तीन कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ गया था. 

उस वक्त भी इस वीडियो को किसानों के आंदोलन के साथ जोड़कर भ्रामक तरीके से शेयर किया गया था. इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने तब भी इस वीडियो की सच्चाई बताई थी.

(रिपोर्ट: ऋद्धीश दत्ता)

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