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फैक्ट चेक: तुषार मेहता बोलते रहे और बीच में उठ कर चले गए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़? नहीं, ये है सच

क्या सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों के बीच उठ कर चले गए? सोशल मीडिया पर इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुनवाई का एक वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. आजतक की टीम ने इस वीडियो का फैक्ट चेक किया है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में देखा जा सकता है कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों के बीच सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ उठ कर चले गए.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
वायरल दावा फर्जी है. पूरी वीडियो देखने पर साफ हो जाता है कि सीजेआई अपनी कुर्सी से उठ कर नहीं गए और पूरी कार्यवाही के दौरान मौजूद थे.

क्या सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों के बीच उठ कर चले गए? सोशल मीडिया पर इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुनवाई का एक वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.

इस 4 मिनट 10 सेकंड के वीडियो में देखा जा सकता है कि तुषार मेहता इलेक्टोरल बॉन्ड मामले पर सरकार की तरफ से अपनी बात रख रहे हैं. 

वीडियो के आखिर में दिखाई देता है कि चंद्रचूड़ अपने साथी न्यायाधीशों से कुछ कहते हैं और ऐसा लगता है कि वे कुर्सी से उठने वाले हैं. तभी वीडियो खत्म हो जाता है.

इसी वीडियो को शेयर करते हुए कुछ सोशल मीडिया यूजर्स सीजेआई चंद्रचूड़ पर निशाना साध रहे हैं. एक एक्स यूजर ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “अधिवक्ता बोलते रहे और चंद्रचूड़ उठ कर निकल गया, बिना कुछ बताए! यह वीडियो बताता है कि न्यायपालिका में पारिवारिक प्रतिभा और उचित डीएनए सीक्वेंस-धारी जजों का घमंड कितना ऊँचा और अभद्र होता है. ये सुप्रीम कोर्ट है. सुप्रीम कोर्ट!” इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

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‘आजतक’ फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल दावा फर्जी है. 18 मार्च को तुषार मेहता की दलीलों के बीच सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ सिर्फ अपनी कुर्सी ठीक कर रहे थे. इसके बाद भी सुनवाई 20 मिनट तक चली थी जिसमें सीजेआई कोर्टरूम में ही मौजूद थे.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

वायरल पोस्ट के कमेन्ट सेक्शन में कई लोगों ने इस दावे को गलत बताया था. हमने देखा कि वीडियो में ‘Law Today’ का लोगो लगा हुआ है. इस जानकारी के आधार पर हमें पता चला कि Law Today ने ये वीडियो 18 मार्च, 2024 को अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया था. ये वीडियो सुप्रीम कोर्ट के कोर्टरूम नंबर 1 की कार्यवाही के लाइव स्ट्रीम से लिया गया था.

‘Law Today’ के वीडियो की अवधि वायरल वीडियो के बराबर ही है. इसके अंत में तुषार मेहता कहते हैं, “मैं आपका ध्यान एक बात की ओर लाना चाहता हूं जो न तो सुप्रीम कोर्ट और न ही इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम की मंशा थी.”

सुप्रीम कोर्ट के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर हमें वायरल वीडियो का पूरा वर्जन मिला. इस 47 मिनट की अवधि वाले वीडियो को 18 मार्च को लाइव स्ट्रीम किया गया था.

वायरल वीडियो वाला हिस्सा 23 मिनट पर नजर आता है. फिर 27 मिनट, 4 सेकंड पर, सीजेआई अपने साथी न्यायाधीशों से कुछ बात करते हैं और अपनी कुर्सी ठीक करते हुए दिखते हैं. इसी जगह पर वायरल वीडियो खत्म हो गया था. पूरी वीडियो देखने पर पता चलता है कि सीजेआई अपनी कुर्सी से उठे नहीं थे. इसके बाद पूर्व एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहातगी बोलने लगते हैं. इसके बाद भी न्यायालय की कार्यवाही और 20 मिनट तक चली और आखिर तक सीजेआई अपनी कुर्सी पर ही बैठे हुए थे. अंत में कार्यवाही पूरी होने पर न्यायालय को स्थगित कर दिया गया.

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हमने वायरल वीडियो के बारे में लीगल न्यूज पोर्टल ‘लाइव लॉ’ की सुप्रीम कोर्ट संवाददाता अस्तिका दास से बात की, जो 18 मार्च की कार्यवाही की रिपोर्टिंग कर रही थीं. अस्तिका ने हमें बताया कि वायरल दावे को देख कर वो भी हैरान थीं. ‘आज तक’ से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैंने पूरी सुनवाई देखी थी और मैं इस बात की पुष्टि कर सकती हूं कि सुनवाई 20 मिनट और चली थी. पूरी सुनवाई को यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीम किया गया था. इसे देखने पर ही समझा जा सकता है कि ये सारे दावे फर्जी हैं.”

साफ है कि तुषार मेहता की दलीलों के बीच सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के उठ कर जाने के दावे फर्जी हैं.

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