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फैक्ट चेक: ‘दि केरल स्टोरी' से हटाया गया सीन नहीं, ये ‘ब्रेस्ट टैक्स’ पर बनी एक शॉर्ट फिल्म का दृश्य है

आज तक फैक्ट चेक ने पाया कि इस वीडियो का 'द केरल स्टोरी' फिल्म से कुछ लेना-देना नहीं है. ये तीन साल पहले बनी एक शॉर्ट फिल्म का दृश्य है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये फिल्म ‘दि केरल स्टोरी’ से हटाए गए सीन का वीडियो है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
इस वीडियो का ‘दि केरल स्टोरी’ से कुछ लेना-देना नहीं है. ये तीन साल पुरानी शॉर्ट फिल्म का एक सीन है.

बीते कुछ महीनों में बॉलीवुड फिल्म 'द केरल स्टोरी' की खूब चर्चा हुई है. और अब एक वीडियो को इस फिल्म के साथ जोड़कर सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है. इसे शेयर करने वाले कुछ लोगों की मानें तो ये 'दि केरल स्टोरी' फिल्म से हटाया गया एक सीन है. वीडियो पर लिखा है- "केरल स्टोरी से हटाया गया सीन". वहीं, नीचे लिखा है "असली कहानी ये हैं केरल की".

वीडियो ​में कुछ लोग एक कुटिया का दरवाजा खटखाते हैं. एक महिला बाहर आती है वहां खड़े लोगों को देखकर सहम जाती है. वो लोग महिला से कुछ मांगते हैं और उसके स्तनों के परीक्षण की मांग करते हैं. महिला उनके सामने अपने स्तनों का प्रदर्शन कर वापस कुटिया के अंदर जाती है और अपने स्तनों को धारदार हथियार से काट देती है. अंत में महिला अपने कटे स्तनों को केले के पत्तों पर रखकर बाहर खड़े लोगों के सामने रखती है, जिसे देखकर सभी दहशत में आकर भाग खड़े होते हैं.

वीडियो के कैप्शन में लिखा है, “The Kerala Story से हटाया गया सीन! असली कहानी ये हैं केरल की."  वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां ( https://ghostarchive.org/archive/RXjd4 ) देखा जा सकता है.

आज तक फैक्ट चेक ने पाया कि इस वीडियो का 'द केरल स्टोरी' फिल्म से कुछ लेना-देना नहीं है. ये तीन साल पहले बनी एक शॉर्ट फिल्म का दृश्य है.

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कैसे पता लगाई सच्चाई?

वायरल सीन में जिस प्रथा को दिखाया गया है उसका नाम है ‘मुलक्करम’, जो एक मलयालम शब्द है. सरल भाषा में इसे ‘ब्रेस्ट टैक्स’ भी कहा जाता है, अर्थात महिलाओं के स्तनों पर लगने वाला टैक्स. 19वीं शताब्दी में केरल के सामंतवादी त्रावणकोर साम्राज्य में निचली जाति की औरतों को ये टैक्स अदा करना होता था.

'मुलक्करम' कीवर्ड की मदद से खोजने पर हमें यूट्यूब पर एक शॉर्ट फिल्म का लिंक  मिला जिसमें से ये वायरल सीन लिया गया है.

‘मुलक्करम-दि ब्रेस्ट टैक्स’ नाम की इस फिल्म को यूट्यूब पर इसके लेखक, निर्देशक और निर्माता योगेश पगारे ने फरवरी 2020 में अपलोड किया था. वीडियो के साथ बताया गया है कि ये फिल्म 200 साल पहले केरल में मानी जाने वाली जातिवादी प्रथा ‘मुलक्करम’ पर आधारित है. आगे कहा गया है कि ये 'नंगेली' नाम की एक महिला की दास्तान है जिसने अपने दोनों स्तनों को काटकर इस जातिवादी प्रथा के खिलाफ विद्रोह किया था.

इस प्रथा के बारे में क्या कहते हैं इतिहासकार?  

‘नंगेली’ के विद्रोह और उसके स्तन ढकने के अधिकार की मांग के लिए उसके बलिदान को कई इतिहासकार एक लोककथा मानते हैं. इस प्रथा पर विस्तार से लिखने वाले मशहूर इतिहासकार मनु एस पिल्लई की मानें तो त्रावणकोर राज्य में निचली जातियों की महिलाओं के स्तनों पर अलग से कोई टैक्स नहीं लगता था. उनका कहना है कि यह त्रावणकोर रियासत की ओर से निचली जातियों के सभी लोगों से लिया जाने वाला टैक्स था. पुरुषों से लिए जाने वाले इस टैक्स को ‘तलक्करम’ या ‘हेडटैक्स’ और महिलाओं से लिए जाने वाले टैक्स को ‘मुलक्करम’ या ‘ब्रेस्ट टैक्स’ या ‘स्तन कर’ कहा जाता था. मनु के मुताबिक इस टैक्स का या नंगेली के विद्रोह का स्तन ढंकने के अधिकार से कुछ लेना देना नहीं है क्योंकि केरल के तत्कालीन समाज में स्तनों को ढकने की कोई परंपरा ही नहीं थी. अग्रेजों के साथ आए ‘विक्टोरियन मोरैलिटी’ के कॉन्सेप्ट ने शर्म को महिलाओं के इस अंग से जोड़ दिया. इसलिए ये कहना गलत है कि ये टैक्स महिलाओं के स्तनों पर लगता था या स्तनों के साइज के अनुसार टैक्स की दर तय की जाती थी. बल्कि, ये एक जातिवादी प्रथा थी, जिसके तहत सभी निचली जातियों के मर्दों और महिलाओं को ये टैक्स चुकाना होता था.

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दूसरी तरफ, 'दि केरल स्टोरी' पांच मई, 2023 को रिलीज हुई थी और वो केरल में हो रहे कथित धर्मांतरण पर आधारित है. जाहिर है, चूंकि ये वीडियो इससे काफी पहले से मौजूद है, लिहाजा वो इस फिल्म का नहीं हो सकता.

‘दि केरल स्टोरी’ से हटाए गए थे दस सीन

सेंसर बोर्ड ने ‘दि केरल स्टोरी’ से करीब 10 सीन हटाए थे. हालांकि हमें वायरल वीडियो जैसे किसी सीन को हटाए जाने का जिक्र किसी मीडिया रिपोर्ट में नहीं मिला.

साफ है, तीन साल पहले बनी एक शॉर्ट फिल्म के वीडियो को क्रॉप करके उसे ‘दि केरल स्टोरी’ का हटाया हुआ दृश्य बताकर शेयर किया जा रहा है.

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