
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 6 अप्रैल को श्रीलंका से भारत लौटते समय अपने विमान से रामनवमी के मौके पर राम सेतु के दर्शन किए थे जिसका वीडियो उन्होंने सोशल मीडिया पर भी शेयर भी किया था. इसी दिन प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु के रामेश्वरम में ऐतिहासिक न्यू पंबन ब्रिज का भी उद्घाटन किया जो राम सेतु पर ही बना है.
इसी बीच इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ स्कूबा ड्राइवर्स को पानी के अंदर पत्थर से बनी कई बड़ी-बड़ी आकृतियों को एक्सप्लोर करते हुए देखा जा सकता है. सोशल मीडिया पर वीडियो को शेयर कर रहे लोगों का कहना है कि ये वीडियो पानी के अंदर उसी जगह का है जिसके ऊपर राम सेतु बना है.
एक एक्स यूजर ने लिखा, “स्कूबा ड्राइवर्स ने राम सेतु को नजदीक से एक्सप्लोर किया, जय जय सिया राम.”

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल वीडियो का राम सेतु से कोई लेना-देना नहीं है. इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाया गया है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें ये वीडियो ‘bharathfx1’ नाम के इंस्टाग्राम अकाउंट पर 27 मार्च 2025 की एक पोस्ट में मिला. पोस्ट के कैप्शन में साफ तौर पर लिखा है कि ये वीडियो AI-जनरेटेड है. इसे सिर्फ मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया है. खबर के लिखे जाने तक इस वीडियो को 11 लाख से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं.
हमने bharathfx1 के इंस्टाग्राम अकाउंट को खंगाला तो पाया कि यहां वायरल वीडियो से मिलती जुलती और भारतीय इतिहास, धर्म और संस्कृति से जुड़ी कई AI-जनरेटेड वीडियो मौजूद हैं. अकाउंट के बायो में दी गई जानकारी के मुताबिक, इन वीडियोज को बनाने वाले आर्टिस्ट का नाम Bharath FX है और वे 3डी कंप्यूटर ग्राफिक्स, VFX, एनीमेशन, वीडियो एडिटिंग का काम करते हैं.

क्या है राम सेतु?
रामसेतु को कई नामों से जाना जाता है जैसे कि एडम ब्रिज, नाला सेतु और सेतु बांध. पौराणिक कथाओं के अनुसार, रामसेतु का संबंध रामायण से है. श्रीराम और उनकी वानर सेना ने माता सीता को रावण से मुक्त कराने के लिए एक पुल बनाया था, जिसे रामसेतु नाम दिया गया था. रामसेतु के करीब रामेश्वरम में आज भी ऐसे तैरते हुए पत्थर देखे जा सकते हैं. हालांकि ये पुल मनुष्य द्वारा बनाया गया है या प्राकृतिक है इस बात पर पिछले कई वर्षों से बहस चल रही है.