
राजस्थान (Rajasthan) के जालौर जिले के एक गांव बोरली में उल्कापिंड (Asteroid) गिरने की खबर को लेकर वॉट्सएप पर खूब चर्चा हो रही है. लोग एक वॉट्सएप (WhatsApp) ग्रुप चैट का स्क्रीनशॉट शेयर कर रहे हैं जिसमें लिखा है, “बिल्कुल सही न्यूज़ है उल्कापिंड गिरा है. जमीन के अंदर बहुत बड़ा गड्ढा हो गया है. हमारा रिपोर्टर फोटो भेज रहा है. पुलिस भी मौके पर पहुंची है. झाब थाना वहां पर पहुंचा है.”
लोग दलील दे रहे हैं कि जब मीडिया के लोगों ने इस खबर को सही ठहरा दिया है तो जरूर ये सच ही होगी. कुछ लोग फेसबुक पर भी इस स्क्रीनशॉट को शेयर कर रहे हैं. इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि जालौर, राजस्थान के बोरली गांव में हाल-फिलहाल में कोई उल्कापिंड नहीं गिरा है. पुलिस और प्रशासन ने ‘आज तक’ से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है.

पिछले साल जालौर, के सांचोर शहर में आसमान से एक चीज गिरी थी. इस चीज को कुछ लोग उल्का पिंड बता रहे थे, कुछ लोग बम तो कुछ लोग जहाज का टूटा हुआ हिस्सा. इसे प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया था. अब इस साल जब जालौर के बोरली गांव में उल्कापिंड गिरने की खबर वायरल हुई है, तो बहुत सारे लोग हैरानी जता रहे हैं कि आखिर जालौर में उल्कापिंड गिरना एक सिलसिला क्यों बन गया है?
क्या है सच्चाई
दरअसल, 9 जुलाई 2021 को जालौर, राजस्थान के बोरली गांव और उसके आसपास के करीब 30-35 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में एक तेज धमाके की आवाज सुनाई दी थी. इसके बाद ही सोशल मीडिया पर अफवाह फैल गई कि बोरली गांव में उल्कापिंड गिरा है जिससे जमीन में एक बड़ा गड्ढा हो गया है.जिन गांवों में धमाके की आवाज सुनाई दी थी, वहां के कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने ‘आज तक’ को बताया कि धमाके से ठीक पहले एक फाइटर जेट वहां से गुजरा था. ऐसा हो सकता है कि ये आवाज जेट की रही हो. हालांकि इस बारे में पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता.
वायरल स्क्रीनशॉट में लिखा है कि उल्कापिंड गिरने के बाद झाब थाने की पुलिस मौके पर पहुंची थी. इस बारे में जानकारी के लिए हमने झाब थाने के एएसआई राजाराम से बात की. उन्होंने हमें बताया, “9 जुलाई को बोरली गांव के पास धमाके की आवाज आने के ठीक बाद हमारे पास लोगों के फोन आने शुरू हो गए थे. हमने मौके पर जाकर मुआयना किया तो न तो हमें उल्कापिंड जैसी कोई चीज नहीं दिखी. न ही कोई बड़ा गड्ढा दिखा. ये सिर्फ एक अफवाह निकली.”
सांचौर व चितलवाना उपखंड क्षेत्र के एसडीएम भूपेंद्र कुमार यादव ने भी उल्कापिंड गिरने की बात से इंकार किया. उनका कहना था, “धमाका किस वजह से हुआ, इसका अभी पता नहीं लग पाया है. पर ये तय है कि उल्कापिंड गिरने या इससे बहुत बड़ा गड्ढा हो जाने की बात में कोई सच्चाई नहीं है.”
इस दावे के साथ जो तस्वीर शेयर हो रही है, उसके बारे में हम कुछ नहीं कह सकते, लेकिन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि वो जालौर के बोरली गांव या इसके आसपास के इलाके की नहीं है. साफ है कि पिछले साल जालौर के सांचोर शहर में आसमान से एक चीज गिरी थी, जिसे उल्कापिंड कहा जा रहा था. लेकिन, इस साल जिले में ऐसा कोई वाकया नहीं हुआ है.
(नरेश सरनाऊ विश्नोई के इनपुट के आधार पर )