उत्तर प्रदेश के संभल जिले के मंदिर-मस्जिद विवाद में एक नया मोड़ तब आया जब 14 दिसंबर को शहर के एक इलाके में कई सालों से बंद मंदिर को खोल कर उसमें पूजा-अर्चना की गई. बतया जा रहा है कि इस मंदिर के अंदर हनुमान और शिव की मूर्तियां भी मिली हैं.
इसके साथ ही एक कुएं की खुदाई में भी देवी-देवताओं की मूर्तियां मिलने की बात भी सामने आ रही है. इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ये दावा कर रहे हैं कि ये मूर्तियां संभल की शाही जामा मस्जिद के अंदर पाई गई हैं. शाही जामा मस्जिद वही है जिसके सर्वे के दौरान 24 नवंबर 2024 को संभल में हिंसा भड़की थी, जिसमें पांच लोगों की जान चली गई थी.
फेसबुक पर पूजा-अर्चना का वीडियो शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, “अपने जिला संभल मे मस्जिद के अन्दर मिली हनुमान जी और शंकर जी की मूर्ति” वीडियो पर टेक्स्ट लिखा है, “संभल में हरिहर धाम के आगमन की शुरुआत हो चुकी है.” दरअसल हिन्दू पक्ष का दावा है कि संभल की शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर तोड़ कर बनाया गया था.”
वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, “संभल की जामा मस्जिद में खुदाई के दौरान मिली शिवलिंग और हनुमान जी की अत्यंत प्राचीन मूर्ति हनुमान बाबा की जय हर हर महादेव.” ऐसे एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि मंदिर और मूर्तियां संभल की शाही जामा मस्जिद के अंदर नहीं बल्कि उससे करीब डेढ़ किलोमीटर दूर मिली हैं. खबर लिखे जाने तक शाही जामा मस्जिद के अंदर कोई खुदाई नहीं हुई है.
कैसे पता चली सच्चाई?
खबरों के अनुसार, 14 दिसंबर को संभल में पुलिस-प्रशासन बिजली चोरी और अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई कर रही था. इस दौरान खग्गू सराय इलाके के एक मंदिर को खोला गया जो काफी समय से बंद था. इस मंदिर के अंदर हनुमान और शिव की मूर्तियां पाई गईं.
इसके बाद संभल के सर्कल ऑफिसर अनुज चौधरी ने इस मंदिर को खोला और इसमें पूजा की. यहां गौर करने वाली बात ये है कि किसी भी खबर में इस मंदिर को शाही जामा मस्जिद से संबंधित नहीं बताया गया है.
वहीं, 15 दिसंबर को पुलिस-प्रशासन ने खग्गू सराय इलाके में ही मंदिर के पास के एक कुएं की खुदाई करवाई थी, जिसमें से तीन मूर्तियां मिलीं. इसके अलावा 16 दिसंबर को नगर पालिका ने इसी इलाके में स्थित नियारियां मस्जिद के बाहर बने चबूतरे को भी खोदा. इस जगह पर एक कुआं था. खबरों में बताया गया है कि प्रशासन ने इस कुएं को जाल लगाने के लिए खोदा था. मूर्तियां मिलने से जुड़ी खबरों में भी कहीं ये नहीं लिखा है कि मूर्तियां शाही जामा मस्जिद के अंदर मिली हैं.
शाही जामा मस्जिद से कितनी दूर मिले मंदिर और मूर्तियां?
14 दिसंबर को जिस मंदिर को खोला गया था वो खग्गू सराय में स्थित है. खबरों में इस मंदिर का नाम संभलेश्वर महादेव मंदिर बताया गया है. इसी मंदिर के सामने वाले कुएं से मूर्तियां मिली हैं.
हमें ये जगह गूगल मैप्स पर मिल गई. इसे गूगल मैप्स पर “संभलेश्वर महादेव” के नाम से खोजा जा सकता है. गौरतलब है कि इस मंदिर की शाही जामा मस्जिद से दूरी लगभग 1.2 किलोमीटर है.
वहीं, जो कुआं नियारियां मस्जिद के बाहर है, उसकी दूरी शाही जामा मस्जिद से करीब 1.5 किलोमीटर है. इससे ये बात साफ हो जाती है कि मूर्तियां शाही जामा मस्जिद के अंदर तो क्या, उसके आसपास भी नहीं मिली हैं. मस्जिद से इन दोनों जगहों की दूरी आप नीचे दी गई तस्वीर में देख सकते हैं.

हमने इसके बाद आजतक के संवाददाता अरविंद ओझा से बात की जो संभल में ही मौजूद हैं. उन्होंने भी यही बताया कि मस्जिद के अंदर कोई खुदाई नहीं हुई है. जहां मूर्तियां मिली हैं वो जगह मस्जिद से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर है.
इसके बाद हमने शाही जामा मस्जिद कमेटी के सचिव और एडवोकेट मशहूर अली खान से संपर्क किया. उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की कि जो मूर्तियां पाई गई हैं वो शाही जामा मस्जिद के अंदर नहीं, बल्कि एक दूसरे मोहल्ले में मिली हैं. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार, मस्जिद कमेटी, सर्वे के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में अर्जी दायर करेगी.
हमारी इस पड़ताल से साफ है कि खबर लिखे जाने तक संभल की शाही जामा मस्जिद से मूर्ति मिलना तो दूर, वहां कोई खुदाई भी नहीं हुई है. वायरल पोस्ट के जरिए भ्रम फैलाया जा रहा है.