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फैक्ट चेक: एमपी में महिलाओं के लिए शराब की दुकानें खोलने की कोई योजना नहीं है

सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग को वायरल कर दावा किया जा रहा है कि एमपी में सरकार महिलाओं के लिए अलग से शराब की दुकान खोलेगी, लेकिन यही खबर फरवरी 2020 में भी वायरल हुई थी. उस वक्त भी सरकार ने इसे अफवाह बताया था.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार महिलाओं के लिए अलग से शराब की दुकानें खोलने जा रही है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये फरवरी 2020 की खबर है जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी. उस वक्त सरकार ने इस खबर को अफवाह बताया था.

सोशल मीडिया पर कुछ लोग कह रहे हैं कि मुंबई और दिल्ली जैसे मेट्रो शहरों की तर्ज पर अब मध्य प्रदेश में भी महिलाओं के लिए अलग से शराब की दुकानें खोली जाएंगी.

दरअसल, इस दावे के साथ सबूत के तौर पर लोग एक अखबार की खबर शेयर कर रहे हैं, जिसका शीर्षक है- ‘महिलाओं के लिए अलग से शराब दुकान खोलेगी सरकार’. खबर में अंदर लिखा है कि इस योजना की शुरुआत भोपाल, जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर से की जाएगी.  

एक फेसबुक यूजर ने इस खबर को पोस्ट करते हुए बीजेपी पर तंज कसते हुए लिखा- 'और कुछ लोग कहते हैं कि भाजपा सरकार काम नहीं करती.'

हमने पाया कि सोशल मीडिया पर महिलाओं के लिए एमपी में अलग से शराब की दुकानें खोले जाने की जो खबर वायरल है, वो हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि फरवरी 2020 की है. उस वक्त मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी. इसके साथ ही, जब ये खबर मीडिया में आई थी तो एमपी की तत्कालीन सरकार ने इसका खंडन भी किया था. प्रदेश की वर्तमान शिवराज सरकार ने भी ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है.  

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इस खबर को शेयर करते हुए बहुत सारे लोग बीजेपी और एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान का मजाक उड़ा रहे हैं. एक सोशल मीडिया यूजर ने वायरल खबर पोस्ट करते हुए लिखा, “शिवराज मामा की ओर से अपनी बहनों और भांजियों के लिए विशेष तोहफ़ा. #Mama_Cares”

कैसे पता चली सच्चाई?

वायरल अखबार की कटिंग में ‘पीपुल्स ब्यूरो, भोपाल’ लिखा हुआ है. सर्च करने पर हमें पता लगा कि ये खबर 28 फरवरी 2020 को मध्य प्रदेश के अखबार ‘पीपुल्स समाचार’ में छपी थी.  

उस वक्त द टाइम्स ऑफ इंडिया’ और ‘वन इंडिया’ जैसी कई न्यूज वेबसाइट्स ने भी इस खबर को छापा था.

इस दौरान शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में विपक्ष के नेता थे और प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ थे. शिवराज ने तब इस कथित योजना को लेेकर एक ट्वीट के जरिये आपत्ति जताई थी.  

तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने खबर को बताया था अफवाह

पिछले साल जब ये खबर वायरल हुई थी, तो उस समय की मध्य प्रदेश सरकार में आबकारी मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर ने इसे अफवाह बताया था. ‘ईटीवी भारत’ और ‘राजस्थान पत्रिका’ की रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने कहा था कि महिलाओं के लिए अलग से शराब की दुकानें खोलने की कोई नीति नहीं बनाई गई है.

वर्तमान में भी नहीं है ऐसी कोई योजना

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पड़ताल के दौरान एक फेसबुक पोस्ट के जरिये हमें पता चला कि हाल ही में भोपाल, मध्य प्रदेश के एक समाज सेवक जकी अहमद ने एमपी में महिलाओं के लिए शराब की दुकानें खोले जाने की खबर को लेकर एक आरटीआई दाखिल की थी. एमपी के आबकारी विभाग ने इसके जवाब में बताया है कि ऐसा कोई भी प्रस्ताव विभाग के पास नहीं आया है. जकी ने आबकारी विभाग के जवाब की एक कॉपी ‘आजतक’ को भी भेजी जिसे नीचे देखा जा सकता है.

आबकारी विभाग के ग्वालियर स्थित मुख्यालय में आबकारी आयुक्त राजीव चन्द्र दुबे ने ‘दी लल्लनटॉप’ वेबसाइट को बताया कि फिलहाल मध्य प्रदेश में महिलाओं के लिए अलग शराब की दुकानें खोलने का कोई प्रस्ताव नहीं है.

साफ है कि महिलाओं के लिए अलग से शराब की दुकानें खोले जाने की ये खबर करीब डेढ़ साल पहले आई थी जब कमलनाथ एमपी के मुख्यमंत्री थे. उस वक्त भी सरकार ने इसका खंडन किया था. इस पुरानी खबर को अब हाल-फिलहाल का बताते हुए एमपी की शिवराज सरकार पर तंज कसा जा रहा है.  

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