सोशल मीडिया पर बाढ़ का एक वीडियो साझा किया जा रहा है, जिसमें कुछ लोग पहाड़ी इलाके में एक पुलिया के उपर खड़े दिखते हैं. इस पुलिया के नीचे पत्थरों के बीच से पानी की धारा बहती नजर आती है. अचानक ही इस धारा में तेज बहाव से बहुत सारा पानी आ जाता है और देखते ही देखते सारा इलाका जलमग्न हो जाता है. वहां मौजूद वीडियो बना रहे लोग भी घबराकर भागते दिखते हैं. दावा किया जा रहा है कि बाढ़ का यह वीडियो उत्तराखंड के गौरीकुंड इलाके का है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल हो रहा वीडियो उत्तराखंड का नहीं बल्कि नॉर्थ अफ्रीका में स्थित मोरक्को का है. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
करीब 2.47 मिनट का यह वीडियो फेसबुक और ट्विटर पर साझा किया जा रहा है. इसके कैप्शन में लिखा गया है: "आपने फ्लैश फ्लड्स के बारे में सुना होगा अब इसे लाइव देखें. केदारनाथ के रास्ते में पड़ने वाले गौरीकुंड में कल यह फ्लैश फ्लड आया जिसमें बड़े पत्थर भी बह गए. यह कुदरत का क्रोध है."
You may have heard about flash floods..... Now you can see live..... Two minutes flash floods at Gourikund..... On the way to Kedarnath yesterday..... Washed away big stones .. thats nature fury..... pic.twitter.com/BuUYy6oj7Q
— ಉಮಾ ಪ್ರಕಾಶ್ @uma_v12) September 21, 2019
वीडियो के साथ किए जा रहे दावे की पड़ताल करने के लिए हमने इसके की-फ्रेम्स काटे और एक की-फ्रेम को रिवर्स सर्च की मदद से ढूंढा. हमने पाया कि वायरल हो रहा वीडियो उत्तराखंड का नहीं बल्कि उत्तर अफ्रीका के देश मोरक्को का है. हमें यह वीडियो मोरक्को की एक न्यूज वेबसाइट पर बाढ़ की खबर के साथ मिला.
इस रिपोर्ट के अनुसार यह वीडियो 31 अगस्त व 1 सितंबर के बीच इंटरनेट पर अपलोड किया गया है. वीडियो मोरक्को में स्थित इमलील नामक गांव का है जहां कुछ दिनों पहले बाढ़ आ गई थी. यह खबर 2 सितंबर को प्रकाशित की गई थी.
हमें मोरक्को में बाढ़ की खबर न्यूज एजेंसी रॉयटर्स में भी मिली, जिसके अनुसार इस बाढ़ में कम से कम 7 लोगों की जान जा चुकी है.
वहीं जब हमने इंटरनेट पर उत्तराखंड के गौरीकुंड में बाढ़ से संबंधित ताजा खबर खोजी तो हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली. पड़ताल में साफ हुआ कि वायरल हो रहा वीडियो गौरीकुंड का नहीं बल्कि मोरक्को का है.