जब से अफगानिस्तान में तालिबानी आतंक शुरू हुआ है, सोशल मीडिया पर एक तस्वीर जमकर शेयर की जा रही है. कुछ लोग इस तस्वीर को व्यंग्य करते हुए पोस्ट कर रहे हैं, वहीं कुछ इसके साथ यह दावा कर रहे हैं कि तस्वीर अफगानिस्तान एयरपोर्ट पर हो रही सिक्योरिटी चेकिंग की है. तस्वीर में सिपाही की वर्दी में एक आदमी को एक व्यक्ति की तलाशी लेते हुए देखा जा सकता है. गौर करने वाली बात यह है कि जिस व्यक्ति की तलाशी हो रही है वह अपने कंधे पर खुलेआम एक राइफल लटकाए हुए है.
Security check at Afghanistan airport pic.twitter.com/Wh0BNh6oD6
— Bhuwantastic (@Bhuwantastic) August 16, 2021
इस तस्वीर के साथ सोशल मीडिया यूजर्स अंग्रेजी में कैप्शन में लिख रहे हैं, "अफगानिस्तान एयरपोर्ट पर होती सुरक्षा जांच". इस कैप्शन के साथ तस्वीर ट्विटर और फेसबुक पर हजारों लोग शेयर कर चुके हैं.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है. यह तस्वीर अफगानिस्तान की नहीं बल्कि 2015 में खींची गई यमन की तस्वीर है.
कैसे पता की सच्चाई?
वायरल फोटो को रिवर्स सर्च करने पर हमें यह तस्वीर एक अरबी न्यूज़ वेबसाइट पर मिली जहां इसे अगस्त 2015 में यमन की बताकर प्रकाशित किया गया था. 2015 में ही यमन के एक मीडिया कमेंटेटर ने भी इस तस्वीर को यमन से जोड़कर ट्वीट किया था.
Confused by last pic in #PT & wondering what security is patting down for? It's IEDs, landmines, bombs, etc.#Yemen pic.twitter.com/fFwAJtPvD9
— Hisham Al-Omeisy هشام العميسي (@omeisy) November 7, 2015
इसके बाद हमने तस्वीर को कुछ कीवर्ड और गूगल के टाइम टूल की मदद से दोबारा रिवर्स सर्च किया. इससे हमें 1 जुलाई 2015 का एक ट्वीट मिला जिसमें यह तस्वीर मौजूद थी. यह ट्वीट अमेरिकी न्यूज़ मीडिया संस्था CBS NEWS के एक पत्रकार अमजद टैडरोस ने किया था और तस्वीर को यमन में उनकी यादों का बताया था.
Memories from #yemen: Houthi soldier searching a man going into a rally: Qat, daggers & machine guns allowed! pic.twitter.com/TFevPYz9pv
— yemenfelix1 (@amtadros) July 1, 2015
अमजद ने साथ में ये भी लिखा था कि तस्वीर यमन के एक हूथी सिपाही की है जो जनसभा में जा रहे एक आदमी की तलाशी ले रहा है. ट्वीट के अनुसार, जनसभा में काट (चबाने वाली अरेबियन पत्तियां), कटार और मशीन गन ले जाने की अनुमति है. हूथी उत्तरी यमन में जन्मे एक विद्रोही आंदोलन का नाम है.
अमजद के ट्विटर अकाउंट को खंगालने पर हमें पता चला कि उन्होंने 16 जून 2015 को CBS न्यूज़ का एक यूट्यूब वीडियो शेयर किया था जो यमन में चल रहे संघर्ष को लेकर था. इस वीडियो में 1.21 मिनट पर वही जगह और सिपाही देखे जा सकते हैं जैसा कि वायरल तस्वीर में दिख रहे हैं. यमन में यह रिपोर्टिंग अमजद ने प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार क्लेरिस्सा वार्ड के साथ की थी.
यहां इस बात की पुष्टि हो जाती है कि यह रोचक तस्वीर यमन की है और छह साल से ज्यादा पुरानी है. इसका अफगानिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है.