चुनाव नतीजों के बाद सोशल मीडिया पर कुछ आंकड़ों के जरिए लोग आशंका जता रहे हैं कि बीजेपी ने हेराफेरी करके 130 सीटें जीती हैं. दावा है कि बीजेपी ने 500 वोटों से कम के अंतर से 30 और 1000 से कम के अंतर से 100 से ज्यादा सीटें जीती है. यानि कि बीजेपी द्वारा जीती गईं 240 सीटों का आंकड़ा 110 (240-130) भी हो सकता था.
ऐसा लिखते हुए कांग्रेस के कुछ नेताओं ने अपील की है कि इन 130 सीटों का विश्लेषण होना चाहिए. क्योंकि इतने कम अंतर में हेरफेर होने की गुंजाइश होती है, और ऐसा कहने वाले अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सब्यसाची दास को इस्तीफा देना पड़ा था.

एक्स और फेसबुक पर ये पोस्ट काफी वायरल है. इसके जरिए लोग बीजेपी पर चुनाव में धांधली करने का आरोप लगा रहे हैं. वायरल पोस्ट का आर्कइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि बीजेपी ने जो सीटें जीती हैं उनमें से एक भी ऐसी नहीं है जिसका अंतर 1000 या 500 से कम हो. बीजेपी ने सभी सीटें 1500 से ज्यादा के अंतर से जीती हैं.
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर इन आंकड़ों को देखा जा सकता है. वेबसाइट पर बीजेपी के जीते हुए सभी 240 उम्मीदवारों की लिस्ट मौजूद है. इस लिस्ट में जीत के अंतर के आंकड़े भी बताए गए हैं. बीजेपी उम्मीदवारों में सबसे कम अंतर से ओडिशा के जाजपुर सीट से रबिंद्र नारायण बेहेरा जीते हैं. उनकी जीत का अंतर सिर्फ 1587 वोट रहा. यहां तक कि दस हजार वोटों के कम के अंतर से बीजेपी सिर्फ आठ सीटें जीती है.

इससे ये बात साफ हो जाती है कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा बेबुनियाद है. अब बात करते हैं अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सब्यसाची दास की जिनका जिक्र पोस्ट में किया गया है.
दरअसल, सब्यसाची दास, हरियाणा के सोनीपत स्थित अशोका रिसर्च यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर थे. 2023 में उन्होंने 'डेमोक्रेटिक बैकस्लाइडिंग इन द वर्ल्ड्स लार्जेस्ट डेमोक्रेसी' नाम का एक रिसर्च पेपर जारी किया था. खबरों के मुताबिक, सब्यसाची ने इस पेपर में संभावना जताई थी कि 2019 के आम चुनाव में बीजेपी ने करीबी मुकाबले वाली सीटें धांधली करके जीती थीं. इस पेपर के आने के बाद काफी बवाल हुआ था. अशोका यूनिवर्सिटी ने इस पेपर से दूरी बना ली थी. बाद में, सब्यसाची ने इस्तीफा दे दिया था जिसे यूनिवर्सिटी ने स्वीकार भी कर लिया था.