इस साल अप्रैल में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रामनवमी के जुलूस के दौरान दो सांप्रदायिक गुटों में झड़प हो गई थी. ये घटना उस समय हुई जब शक्तिपुर इलाके में जुलूस पर दूसरे गुट की तरफ से कथिच तौर पर पत्थर फेंके गए.
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें भगवा झंडे वाली कई मोटरसाइकिलों को कुछ लोगों द्वारा तोड़ते हुए देखा जा सकता है. अब इस वीडियो को लोग पश्चिम बंगाल का बता रहे हैं. वीडियो को शेयर कर एक एक्स यूजर ( ) ने लिखा, “भगवा झंडे के साथ आप बंगाल में रैली भी नहीं कर सकते है. देखिए कैसी गुंडा गर्दी है. बंगाल में बंगाल ना हुआ बांग्लादेश हो गया हो जैसे.” इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल वीडियो पश्चिम बंगाल का नहीं बल्कि ओडिशा के संबलपुर में हुई एक साल पुरानी घटना का है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स करने पर हमें अप्रैल 2023 की कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. ‘वनइंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना उस समय की है जब ओडिशा के संबलपुर में 12 अप्रैल, 2023 को हनुमान जयंती और महा विशुवा संक्रांति के अवसर पर हिंदू संगठनों द्वारा बाइक रैली निकाली गई थी.
रैली जब भूदापारा और सुनापली के इलाकों से गुजरी तो कुछ लोगों ने उस पर पथराव कर दिया, जिसके बाद दो सांप्रदायिक गुटों में हिंसा भड़क गई और हिंसा में 10 पुलिसकर्मी समेत कई लोग घायल हो गए.

हमें इस घटना पर अप्रैल 2023 की ‘इंडिया टुडे’ की रिपोर्ट मिली जिसमें वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को देखा जा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, रैली के दौरान भड़की हिंसा के बाद प्रशासन द्वारा स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इलाके में धारा 144 लगा दी गई थी और 32 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया.
हमने कीवर्ड की मदद से वायरल वीडियो को यूट्यूब पर खोजा तो हमें इस घटना पर मोजो स्टोरी न्यूज चैनल की एक वीडियो रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में भी इस वीडियो को ओडिशा के संबलपुर का ही बताया गया है.
साफ है, एक साल पुरानी ओडिशा के संबलपुर में बाइक रैली पर पथराव की घटना को पश्चिम बंगाल का बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है.
रिपोर्ट - आशीष कुमार