scorecardresearch
 

तारक मेहता के लेखक अभिषेक मकवाना ने की आत्‍महत्‍या, परिवार का दावा किया गया ब्लैकमेल

अभिषेक ने 27 नवंबर को आत्महत्या की थी. उनके घरवालों का आरोप है कि अभिषेक साइबर धोखाधड़ी का शिकार हुए थे और उन्हें ब्‍लैकमेल किया जा रहा था. अभिषेक को उनके मुंबई के कांदिवली स्थित घर में पंखे से लटका पाया गया था.  पुलिस ने इस मामले में जांच कर रही है. इस मामले में परिवार का बयान दर्ज किया गया है.

Advertisement
X
तारक मेहता सीरियल के राइटर अभिषेक मकवाना
तारक मेहता सीरियल के राइटर अभिषेक मकवाना
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तारक मेहता के लेखक अभिषेक मकवाना ने की आत्‍महत्‍या
  • परिवार ने जताया ब्लैकमेल का शक
  • भाई के मुताबिक साइबर फ्रॉड का शिकार हुए थे अभिषेक

तारक मेहता का उल्टा चश्मा सीरियल के लेखकों में से एक अभिषेक मकवाना ने आत्‍महत्‍या कर ली है. अभिषेक का एक सुसाइड नोट सामने आया है. मुंबई पुलिस के जरिए सामने आ रही जानकारी के अनुसार अभिषेक ने आत्‍महत्‍या से पहले एक सुसाइड नोट भी लिख छोड़ा है. इसमें उन्होंने पैसे की तंगी के बारे मैं लिखा है.

अभिषेक ने 27 नवंबर को आत्महत्या की थी. उनके घरवालों का आरोप है कि अभिषेक साइबर धोखाधड़ी का शिकार हुए थे और उन्हें ब्‍लैकमेल किया जा रहा था. अभिषेक को उनके मुंबई के कांदिवली स्थित घर में पंखे से लटका पाया गया था.  पुलिस ने इस मामले में जांच कर रही है. इस मामले में परिवार का बयान दर्ज किया गया है.

परिवार को नहीं था दिक्कतों का अंदाजा

बताया जा रहा है कि अभिषेक के घरवालों को उनकी दिक्कतों के बारे में पता नहीं था. उनके भाई जेनिस ने बताया कि लेखक की मौत के बाद उन्हें उनकी आर्थिक दिक्कतों के बारे में पता चला, क्योंकि उन्हें अलग-अलग नंबर से लोगों के फोन आने शुरू हुए. उन्होंने कहा, 'मैंने अपने भाई का ई-मेल चेक किया. क्योंकि जब से वो गुजरा है मुझे लोग फोन करके पैसे मांग रहे हैं, जो उसने उधार लिए थे.'

Advertisement

उन्होंने बताया कि उन्हें भारत से ही नहीं बल्कि बाहर देशों से भी कॉल आ रहे हैं. उन्होंने कहा, 'एक कॉल बांगलादेश से थे, दूसरा म्यांमार और कुछ भारत के अलग-अलग हिस्सों से कॉल आए.' जेनिस के मुताबिक, 'भाई के इ-मेल रिकॉर्ड्स से मुझे जो समझ आया वो यह है कि उसने इजी लोन एप से छोटा सा लोनलिया था, जिसका ब्याज बहुत ज्यादा था.'

देखें: आजतक LIVE TV 

उन्होंने आगे बताया, 'मैं जब भाई के ट्रांसजेकशन पर ध्यान दिया तब मुझे पता चला कि लोन देने वाले भाई के बिना मांगे ही उसे छोटी-छोटी रकम भेजते रहते थे. उनकी ब्याज की दर 30% थी जो कि बहुत ज्यादा है.' चारकोप पुलिस स्टेशन के मुताबिक अभिषेक के परिवार ने पुलिस को कॉल वाले नंबर्स और ई-मेल से मिली जानकारी दे दी है और इसकी जांच हो रही है.  

 

Advertisement
Advertisement