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मनोरंजन

बचपन में बने ‘सितारे’, बड़े हुए तो ‘बेचारे’

बचपन में बने ‘सितारे’, बड़े हुए तो ‘बेचारे’
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आयशा टाकिया
आयशा टाकिया ने 15 साल की उम्र में मॉडलिंग शुरू कर दी थी. कॉम्प्लेन हेल्थ ड्रिंक के विज्ञापन के बाद उन्होंने फाल्गुनी पाठक के म्यूजिक वीडियो ‘मेरी चुनर उड़ उड़ जाए’ में काम किया. आयशा टाकिया से उनके प्रशंसकों को काफी उम्मीदें थीं.
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आयशा टाकिया
आयशा ने फिल्म ‘टार्जन द वंडर कार’ से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा. इसके बाद ‘सोचा न था’, ‘दिल मांगे मोर’, ‘डोर’ और ‘वांटेड’ जैसी चुनिंदा हिट फिल्में करने के बाद आयशा सिनेमा के पर्दे से गायब हो गईं. आयशा ने 2009 में फरहान आजमी से शादी कर ली.
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हंसिका मोटवानी
हंसिका मोटवानी ने चाइल्ड एक्टर के तौर पर 2003 में फिल्म ‘हवा’ से लेकर ‘कोई मिल गया’, ‘आबरा का डाबरा’ और ‘जागो’ जैसी फिल्मों में काम किया और टीवी सीरियल ‘शाका लाका बूम बूम’ और ‘देश में निकला होगा चांद’ में अपनी एक्टिंग का लोह मनवाया.
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हंसिका मोटवानी
एक एडल्ट एक्टर के तौर पर हंसिका मोटवानी ने हिन्दी सिनेमा में हिमेश रेशमिया के साथ फिल्म ‘आपका सुरूर’ से शुरुआत की. इसके बाद उन्होंने ‘मनी है तो हनी है’ में काम किया, लेकिन अपना जादू नहीं दिखा पाई. ये जरूर है कि उन्होंने तमिल और तेलुगू फिल्मों में खूब काम किया है.
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सना सईद
फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ की छोटी अंजलि ने अपनी एक्टिंग से सभी को अपना दीवाना बना दिया था. इसके बाद सना ‘हर दिल जो प्यार करेगा’ और ‘बादल’ में भी दिखीं. इसके बाद उनसे हर किसी को काफी उम्मीदें थीं.
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सना सईद
सना जब बड़ी होकर सिनेमा और टीवी के पर्दे पर आईं तो उनके हाथ न तो वैसी सफलता लगी और न ही उन्हें वैसा प्यार मिला. बड़ी होने के बाद सना सईद ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ और ‘फगली’ में भी दिखीं. टीवी सीरियल ‘लो हो गई पूजा इस घर की’ और ‘ये है आशिकी’ में भी दिखीं.
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आफताब शिवदासानी
आफताब शिवदासानी ने चाइल्ड एक्टर के तौर पर फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’, ‘शहंशाह’, ‘चालबाज’, ‘अव्वल नंबर’, ‘सीआईडी’ और ‘इंसानियत’ फिल्मों में काम किया. चाइल्ड एक्टर के तौर पर वे खासे सफल रहे, जिसके बाद उन्होंने बड़े होने पर एक्ट‍िंग के कॅरियर को आगे बढ़ाया.
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आफताब शिवदासानी
फिल्म ‘मस्त’ से आफताब को फिल्मों में मुख्य भूमिकाएं निभाने का मौका मिला. लेकिन ‘कसूर’, ‘हंगामा’, ‘मस्ती’, ‘ग्रैंड मस्ती’ जैसी कुछ ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर टिक पाईं. बड़े होने के बाद आफताब उतने सफल साबित नहीं हुए, जितने वह चाइल्ड एक्टर के तौर पर थे.
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जुगल हंसराज
फिल्म मासूम के उस मासूम से चेहरे जुगल हंसराज ने आगे चलकर ‘झूठा सच’, ‘सल्तनत’, ‘कर्मा’, ‘लोहा’ और ‘राजलक्ष्मी’ जैसी फिल्मों में काम किया. जुगल हंसराज से उनके प्रशंसकों को ढरों उम्मीदें थीं.
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जुगल हंसराज
जुगल हंसराज जब बड़े हुए तो उनकी पहली फिल्म उर्मिला मातोड़कर के साथ ‘आ गले लग जा’ थी. ‘पापा कहते हैं’, ‘मोहब्बतें’ और ‘सलाम नमस्ते’ जैसी फिल्मों में काम कर चुके हैं. एक्टिंग में सफलता नहीं मिली तो उन्होंने निर्देशन में हाथ आजमाया और फिल्म ‘रोड साइड रोमियो’ बनाई, लेकिन यहां भी सफलता हाथ नहीं लगी.
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कुणाल खेमू
चाइल्ड एक्टर के तौर पर कुणाल खेमू का करियर बेहद शानदार रहा है. बतौर बाल कलाकार उनकी एक्टिंग की तारीफ करने वालों की कमी नहीं है. कुणाल ने 1987 में टीवी सीरियल ‘गुल गुलशन गुलफाम से करियर की शुरुआत की. 1993 में फिल्म ‘सर’ से चाइल्ड एक्टर के तौर पर फिल्मी करियर का आगाज करने वाले कुणाल ने 1998 में फिल्म ‘दुश्मन’ तक बाल कलाकार के तौर पर काम किया. इस दौरान उन्होंने ‘हम हैं राही प्यार के’, ‘राजा हिन्दुस्तानी’, ‘भाई’, ‘जुड़वां’ और ‘जख्म’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया.
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कुणाल खेमू
कुणाल खेमू ने फिल्म ‘कलयुग’ से एडल्ट एक्टर के तौर पर फिल्मों में एंट्री की. इसके बाद उन्होंने ‘ढोल’, ‘गोलमाल 3’, ‘गो गोवा गॉन’ जैसी फिल्मों में काम किया. बड़े होने के बाद कुणाल की एक्टिंग को देखकर कहीं भी ऐसा नहीं लगा कि वो वही मास्टर कुणाल है, जिसने ‘राजा हिन्दुस्तानी’ और ‘जख्म’ जैसी फिल्मों में शानदार एक्टिंग की थी. बड़े होने के बाद उनका करियर वैसी उड़ान नहीं भर पाया, जैसी उनसे उम्मीद थी.
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मास्टर राजू
मास्टर राजू ने 1969 में फिल्म ‘शर्त’ से लेकर 1983 में ‘वो सात दिन’ तक एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया. इस दौरान उनका करियर बुलंदियों पर रहा. ‘बावर्ची’, ‘परिचय’, ‘अमर प्रेम’, ‘अभिमान’, ‘चितचोर’, ‘किताब’, ‘अंखियों के झरोखे से’, ‘नालायक’, ‘खट्टामीठा’ जैसी फिल्मों से मास्टर राजू की पहचान बनी. 1976 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला.
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राजू श्रेष्ठ
सिर्फ 2 साल की उम्र से फिल्मों में काम कर रहे मास्टर राजू जब बड़े होकर राजू श्रेष्ठ बने तो उन्हें कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी. उन्होंने 200 से ज्यादा फिल्मों और टीवी सीरियल में भी काम किया. लेकिन बचपन की सफलता कभी दोहरा नहीं पाए.
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स्वपनिल जोशी
स्वपनिल जोशी का नाम आते ही उनके बचपन का वो टीवी सीरियल ‘कृष्णा’ का किरदार नजर आता है. इससे पहले उन्होंने ‘लव कुश’ टीवी सीरियल में भी काम किया था. कृष्णा के किरदार के रूप में उनकी प्यारी सी स्माइल और बेहतरीन एक्टिंग के कायल हर उम्र के लोग हुए.
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स्वपनिल जोशी
स्वपनिल जब कृष्णा के किरदार से बाहर निकलकर बड़े हुए तो उन्हें खास सफलता हाथ नहीं लगी. उन्हें अक्सर कॉमेडी कार्यक्रमों में देखा जाने लगा. हालांकि उन्होंने कुछ फिल्मों और टीवी सीरियलों में एक्टिंग की लेकिन बचपन जैसी सफलता हाथ नहीं लगी.
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