MP Assembly Election 2023: लगातार तीन बार से खंडवा के विधायक रहे भाजपा के देवेंद्र वर्मा दशहरा मिलन समारोह में कार्यकर्ताओं के बीच अपना दर्द छिपा न सके और फफक कर रो पड़े. समर्थक उनके आंसू पोछते नजर आए. हालांकि, वर्मा ने अपना टिकट कटने पर कोई बागी तेवर तो नहीं दिखाए लेकिन यह सवाल जरूर खड़ा कर दिया कि तमाम सर्वे रिपोर्ट पॉजिटव होने, कोई गंभीर आरोप या शिकायत न होने के बावजूद उनका टिकट क्यों काटा? उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के विरोध के चलते उनका टिकट कटा है लेकिन उन कुछ लोगों पर उनके कार्यकर्ताओं की संख्या भारी है.
खंडवा में भाजपा विधायक देवेंद्र वर्मा के समर्थकों के लिए दशहरा मिलन समारोह का आयोजन किया. टिकट कटने के बाद वर्मा पहली बार सार्वजनिक मंच पर उपस्थित हुए और अपने मन की बात भी कही. एक निजी परिसर में आयोजित इस समारोह में बड़ी संख्या में उनके समर्थक इकठ्ठा हुए. जिसे उनके शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि, इस कार्यक्रम में मंच ने पार्टी के निर्णय पर सवाल जरूर उठाए गए लेकिन तेवर बग़ावती नहीं थे.
दरअसल, टिकट कटने के बाद विधायक वर्मा को भी अंदेशा था कि इस कार्यक्रम में बहुत से लोग कन्नी काट सकते हैं. उपस्थिति बहुत कम हो सकती है. लेकिन यहां कार्यकर्ताओं का जमावड़ा और उनके प्रति उनका प्रेम देखकर वे भाव-विह्वल हो गए और अपने आंसू बहने से नहीं रोक पाए और उनका गला भी भर गया. देखें Video:-
विधायक देवेंद्र वर्मा ने कहा कि हमें टिकट का आश्वासन था. सर्वे में नाम था, जनता में नाराजगी भी नहीं थी. पार्टी के कुछ लोगों पर इशारा करते हुए कहा कि उनकी वजह से टिकट कटा. कार्यक्रम में 'देवेंद्र वर्मा एक बार फिर से...' के नारे लगे. जब देवेंद्र वर्मा से पार्टी की तरफ से तय प्रत्याशी का सपोर्ट किए जाने का सवाल पूछा गया, तो वो इसे टालते हुए आगे बढ़ गए. वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि टिकट पर पुनर्विचार के लिए आलाकमान से चर्चा करेंगे.
वरिष्ठ भाजपा नेता और जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष कैलाश पाटीदार ने कहा कि विकास में कहीं कोई कमी नहीं की. हमने ऊपर पूछा कि इस व्यक्ति में क्या कमी है? तो कहा कोई कमी नहीं. कोई आरोप नहीं. पब्लिक का कोई आरोप नहीं. फिर यह 'क्यों' क्यों आया? यह आप भी समझ रहे हैं और वो भी. भगवान ऊपरवालों को सद्बुद्धि दे और निर्णय सही करें. जब -जब भाजपा की मीटिंग होती है तब बूथ तक की बात होती है. बूथ स्तर के कार्यकर्ता के मन में क्या है? इसका आकलन भी तो करना चाहिए. लेकिन ऊपर से प्रत्याशी थोप दिया जाता है.