बारामूला के सांसद इंजीनियर राशिद की कार पर चुनाव प्रचार के दौरान हमला हो गया. हमलावर ने कार के बोनट और विंडशील्ड पर पैर रखा, जिससे कार का शीशा टूट गया. घटना के समय इंजीनियर राशिद के नाम से मशहूर शेख अब्दुल राशिद (57) कार में मौजूद थे. हालांकि उन्हें इस हमले में कोई चोट नहीं आई है.
पीटीआई के मुताबिक उत्तरी कश्मीर में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कुपवाड़ा जिले के लंगेट इलाके में इंजीनियर राशिद की कार पर हमला किया गया. सोशल मीडिया पर सामने आए हमले के वीडियो में एक व्यक्ति कार के बोनट और सामने के विंडशील्ड पर चढ़ता और पैर रखता हुआ दिखाई दे रहा है.
राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी ने अभी तक इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है. सूत्रों के अनुसार, हमलावर सांसद का पूर्व सहयोगी है और अप्रैल-मई में उनके लोकसभा चुनाव अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है, लेकिन उसके बाद से वह उनसे अलग हो गया है.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में तीसरे और आखिरी चरण के लिए 1 अक्टूबर को वोटिंग होनी है. इसे लेकर चुनाव प्रचार थम गया है. तीसरे चरण की वोटिंग इसलिए खास है क्योंकि इसमें 40 सीटों के लिए वोटिंग होनी है. जम्मू-कश्मीर में कुल 90 विधानसभा की सीटे हैं. सभी राजनीतिक दल प्रचार में जोर लगा रही हैं.
कौन हैं इंजीनियर राशिद?
इंजीनियर राशिद का असली नाम शेख अब्दुल रशीद है. वो जम्मू-कश्मीर अवामी इत्तेहाद पार्टी के संस्थापक हैं. जम्मू-कश्मीर के लंगेट निर्वाचन क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके हैं. यहां से उन्होंने साल 2008 और 2014 में जीत हासिल की थी. उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हार गए थे. इसके बाद बीते लोकसभा चुनाव में निर्दल प्रत्याशी के रूप में बारामूला सीट से उन्होंने चुनाव लड़कर जीत हासिल की है.
साल 2008 में शेख अब्दुल रशीद पहली बार 'इंजीनियर रशीद' के नाम से चर्चा में आए थे. उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा देने के बाद अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. महज 17 दिनों के चुनावी अभियान के बाद लंगेट निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी. साल 2019 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टेरर फंडिंग के आरोप में यूएपीए कानून के तहत रशीद को गिरफ्तार किया था. तबसे तिहाड़ जेल में बंद थे. उन्हें जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के प्रचार के लिए उनको 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत दी गई है.