भारत अब जैव ईंधन से विमान उड़ाकर विकसित देशों के क्लब में शामिल हो गया है. साथ ही भारत यह कारनामा करने वाला पहला विकसित देश भी बन गया है. बता दें कि सोमवार को स्पाइसजेट ने आंशिक रूप से जैव-ईंधन संचालित देश की पहली परीक्षण उड़ान भरी. आइए जानते हैं इस विमान से जुड़ी अहम बातें...
- स्पाइसजेट के क्यू400 विमान ने जैव ईंधन का इस्तेमाल करते हुए यह उड़ान भरी. इस विमान ने देहरादून से दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी.
- इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के टर्मिनल 2 पर इस विमान की अगवानी प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों और विमानन कंपनी के शीर्ष प्रबंधन ने की. यह सफलता इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि एटीएफ की अधिक कीमत होने के कारण भारतीय विमानन क्षेत्र की सभी दिग्गज कंपनियां 2018-19 की पहली तिमाही में घाटा होने की बात कह रही हैं.
- विमान में 75 फीसदी एविएशन टर्बाइन फ्यूल और 25 जैव जेट ईंधन का इस्तेमाल किया गया. पहली बार इस विमान में 20 यात्री सवार थे.
- खास बात ये है कि इस विमान का ईंधन भारत में ही बना है. जट्रोफा से बने इस फ्यूल का विास सीएसआईआर- भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून ने किया है. इससे किसानों को बड़ा फायदा होगा.
- इस फ्यूल की लागत कम होती है और 20 फीसदी लागत कम होने से हवाई यात्रा सस्ती होगी. साथ ही 60 फीसदी तक कार्बन उत्सर्जन में भी कमी होगी.
- फिलहाल, ईंधन कीमत घरेलू विमानन की कुल परिचालन लागत का 50-55 प्रतिशत है. साथ ही जहाजरानी उद्योग में इस्तेमाल होने वाले बंकर ईंधन की तरह यह ईंधन जीएसटी के दायरे में नहीं आता.