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जानें क्या हैं 6 से 10 के बीच पढ़ने वाले शहरी बच्चों की खराब आदत, खुद को क्यों दे रहे हैं नुकसान

एक सर्वे में 50 प्रतिशत बच्चों के खराब खाने की आदतों में पाया गया कि वह हेल्दी खाने की बजाय जंक फूड खाना पसंद करते हैं.पढ़ें पूरी खबर कहीं आपका बच्चा भी जंक फूड खाने का शौकिन तो नहीं है...

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प्रतिकात्मक तस्वीर
प्रतिकात्मक तस्वीर

भारत में कक्षा 6 से 10 के बीच पढ़ने वाले शहरी बच्चों में से केवल 18 फीसदी ही रोजाना फल खाते हैं, एक सर्वेक्षण के परिणाम में यह बात सामने निकलकर आई है. सर्वेक्षण में देश के ज्यादार बच्चों के खाने की खराब आदतों का खुलासा हुआ है. देश में 100 से ज्यादा स्कूल चला रहे पोद्दार एजुकेशन ग्रुप द्वारा किए गए सर्वेक्षण से पता चलता है कि एक दिन में एक बार प्रोटीन खाने वाले बच्चों का अनुपात भी 14 प्रतिशत है जो पहले के मुकाबले कम है.

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सर्वेक्षण में भारत के मेट्रो शहरों में कक्षा 6 से 10 में पढ़ रहे 1,350 बच्चों के माता-पिता के जवाब शामिल हैं. परिणाम बताते हैं कि केवल 35 प्रतिशत बच्चे ही भोजन के हिस्से के रूप में सब्जियों का उपभोग करते हैं.

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पोद्दार शिक्षा समूह के ट्रस्टी राघव पोद्दार ने एक बयान में कहा, 'विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) कहता है कि विकासशील देशों में बचपन का मोटापा एक 'खतरनाक सपने' जैसा है. पोद्दार ने कहा, 'स्वस्थ बचपन देश के लिए महत्वपूर्ण हैं, और माता-पिता और स्कूलों के बीच मजबूत एकजुट कार्य की आवश्यकता है.

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सर्वेक्षण में भारत के स्कूली बच्चों के खाने की आदतों के मूल्यांकन में यह भी पाया गया कि उनमें से 50 प्रतिशत जंक फूड, मिठाई या अनहेल्दी खाने का रोजाना खाते हैं.वहीं कुल मिलाकर जो बड़ी बात है कि लगभग 76 प्रतिशत माता-पिता ने कहा कि उनके बच्चे आउटडोर खेल खेलते हैं. लगभग 24 प्रतिशत ने कहा कि उनके बच्चों को बाहर खेलना बिल्कुल पसंद नहीं है.

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