बिहार के एक छोटे से गांव की रहने वाली रागिनी कुमारी ने बीपीएससी परीक्षा क्लियर करके ये साबित कर दिया कि अगर इंसान में कुछ पाने का जज्बा हो, तो दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं होता. कठिन परिस्थितियों में भी रागिनी ने वो कर दिखाया जो कई लोग तमाम संसाधनों के बावजूद नहीं कर पाते. दिन रात पूरी लगन से पढ़ाई में जुटी रही रागिनी की ताकत उसका परिवार है जिसने बेटी को हर वो सहूलियत दी जो उसे पढ़ाई के रास्ते में चलने को प्रेरित कर सके.
रागिनी खगड़िया जिले के गोगरी प्रखंड के महेशखूंट की रहने वाली हैं. उनकी मां गांव के एक आंगनवाड़ी केन्द्र में सेविका का काम करती हैं. घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद भी रागिनी की प्रतिभा दबी नहीं बल्कि समय के साथ निखरती गई. रागिनी में पढ़ाई के प्रति लगन को देखकर उनके माता-पिता ने अपनी बेटी को पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. घर का बजट इतना अच्छा नहीं था कि रागिनी के मां-बाप उन्हें किसी अच्छी कोचिंग में भेज सकें इसलिए उन्होंने सेल्फ स्टडी के बदौलत ही बीपीएससी जैसे कठिन एग्जाम को पहले ही प्रयास में क्लियर कर लिया. रागिनी के परीक्षा में चयन के बाद से ही पूरे गांव में जश्न का माहौल है.
रागिनी ने BHU से MSC की डिग्री प्राप्त की है. उनका कहना है कि माता-पिता के सहयोग और सेल्फ स्टडी से ही उन्हें सफलता मिली है और अब वो BDO बनकर गरीबों और किसानों की समस्याएं दूर करेंगी. रागिनी की मां हीरा कुमारी ने बताया कि उनकी बेटी शुरू से पढ़ने में तेज थी. वो घरेलू काम करने में भी उनकी मदद करती थी और साथ में अपनी पढ़ाई भी करती थी. उन्हें बेटी की सफलता देखकर गर्व महसूस होता है. वो हमेशा से अपनी बेटी को अधिकारी के रूप में देखना चाहती थी और आज उनका ये सपना साकार हो गया. मां-बाप को कभी भी बेटा और बेटी में भेदभाव नहीं करना चाहिए.