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ये हैं भारतीय सेना के वो खतरनाक हथियार, जिनसे थर्राता है दुश्मन

ये हैं भारतीय सेना के वो खतरनाक हथियार, जिनसे थर्राता है दुश्मन
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आज भारतीय सेना, सेना दिवस मना रही है और इस उपलक्ष्य पर सेना अपना शक्ति प्रदर्शन भी करेगी. भारतीय सेना की हालत हथियारों में मामले बहुत मजबूत हो गई है और भारत के पास कई ऐसे हथियार हैं, जो दुश्मन देश के कुछ ही देर में छक्के छुड़ा सकती है. आइए जानते हैं भारतीय सेना के वो टॉप 10 हथियार, जो भारतीय सेना को मजबूती प्रदान करते हैं.
ये हैं भारतीय सेना के वो खतरनाक हथियार, जिनसे थर्राता है दुश्मन
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सुखोई 30 एमकेआई- भारतीय वायुसेना का सबसे अहम लड़ाकू विमान है. यह बहु-उपयोगी लड़ाकू विमान रूस के सैन्य विमान निर्माता सुखोई और भारत के हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड के सहयोग से बना है. यह विमान 3000 किलोमीटर की दूरी तक जा कर हमला कर सकता है. यह विमान हवा में ईंधन भर सकता है.

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ब्रह्मोस मिसाइल- ब्रह्मोस एक कम दूरी की रैमजेट, सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है. इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है. रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया और भारत के डीआरडीओने संयुक्त रूप से इसे बनाया है. यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है. इसने भारत को मिसाइल तकनीक में अग्रणी देश बना दिया है.
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आईएनएस चक्र- यह पानी के अंदर भारत की सरहद की सुरक्षा करती है. यह भारत की आवश्यकता के अनुसार डिजाइन किया गया है और इसमें क्लब एंटी शिप मिसाइलें रहती हैं, जो कि 8*533 एमएम टोर्पेडो ट्यूब से वार कर सकती है.
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फैलकॉन AWACS- यह भारत के पास भले ही लेट आया हो, लेकिन सभी एयरबोर्न इयरली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) में सबसे एडवांस है. इसका काम आस-पास की गतिविधियों पर नजर रखता है और कई किलोमीटर तक दुश्मन की एक्टिविटी मिसाइल आदि पर नजर रखने का काम करता है.
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आईएनएस विक्रमादित्य- भारतीय नौसेना के पास यह सबसे बड़ी संपति है. यह इतना बड़ा है कि इसमें 24 मिग-29के फाइटर्स के साथ 6 एएसडब्ल्यू हैलीकॉप्टर्स रखे जा सकते हैं. इसका वजन 45 हजार टन है. साथ ही यह एयर बोर्न रडार सिस्टम से भी बच सकता है.
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टी-90एस भीष्म- भारत के पास टी90एस जैसे टैंक्स भी हैं, जो 125 एमएम गोले दागता है और इससे एंटी टैंक मिसाइल भी फायर की जा सकती है. साथ ही इसमें 12.7 एमएम वाली मशीन गन भी लगी होती है, जो कि ऑटोमैटिक नहीं होती है और इसे रिमोट से नियंत्रित किया जा सकता है.
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P-81 NEPTUNE- भारतीय सीमा महासागरों से लगी हुई है, जिसकी सुरक्षा करना भी बहुत आवश्यक है. भारत के पास पी-81 नाम का एक एयरक्राफ्ट है, जो कि अन्य एएसडब्ल्यू एयरक्राफ्ट से अलग है. साथ ही अपने बेस से 2000 किलोमीटर दूर तक जा सकता है और वहां 4 घंटे तक सबमरीन को खत्म कर वापस भी आ सकता है. इसमें 120 सोनोबॉयस होते हैं जो भारतीय नौसेना का मजबूती प्रदान करते हैं.
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नामिका (नाग)- इसका भारत की ओर से निर्माण किया गया है और इसके जैसी टैक्नोलॉजी बहुत कम देशों के पास है. यह एक टैंक की तरह होता है, जिससे मिसाइल दागी जाती है. इसमें 8 मिसाइल की मारक क्षमता होती है. यह टारगेट सेट करने के बाद सटीक वार करती है और दुश्मन के ठिकानों को खत्म कर देती है. इसकी रेंज कम होती है, लेकिन यह दुश्मन के प्लान को पहले ही खत्म कर देती है. यह रात और पानी में टारगेट सेट करके वार कर सकता है.
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बीएमडी प्रोग्राम- बीएमडी प्रोग्राम कम रेंज की मिसाइलों के लिए बहुत ही खतरनाक हथियार है. इससे पीएडी (पृथ्वी एयर डिफेंस) और एएडी (एडवांस्ड एयर डिफेंस) के साथ ग्रीन पाइन रडार के साथ काम करता है. यह कई किलोमीटर तक दुश्मन की मिसाइलों को रोकने का काम करता है. यह 80 से 2000 किलोमीटर की रडार में दुश्मन की मिसाइलों को खत्म करता है.

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पिनाका- पिनाका रॉकेट लॉन्च करने के काम आता है. 40 किलोमीटर की रेंज तक गोले दागने वाला यह पुनर्भरण हथियार 12 रॉकेट दाग सकता है. हाल ही में इसमें और भी बदलाव किए गए हैं, जिससे यह 65 किलोमीटर तक भी वार कर सकता है. इसकी खास बात ये है कि यह अमेरिका के एम270 से बहुत सस्ता है और उससे ज्यादा प्रभावशाली है. बता दें कि भारतीय सेना हर साल करीब 5000 रॉकेट का निर्माण करती है और 15 बैटरियां ऑर्डर करती है.
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