यहूदियों का देश माने जाने वाले इजरायल के शहर येरूशलम को अमेरिका ने देश की राजधानी घोषित कर दिया है. येरूशलम में सबसे पवित्र जगह 'होली ऑफ होलीज' है. यहूदी मानते हैं कि यहीं पर सबसे पहली उस शिला की नींव रखी गई थी, जिस पर दुनिया का निर्माण हुआ. यहूदी दुनिया के कई देशों में है और इसका संबंध भारत से भी है. क्या आप जानते हैं भारत भी यहूदी रहते हैं, जिन्हें बेने इजरायली कहा जाता है. आइए जानते हैं कौन है बेने इजरायली और क्या है उनका इतिहास और मौजूदा हालात... (फोटो साभार- @Worldjewishcong)
बेने इजराइली यहूदियों का एक समूह है, जो करीब 2100 साल पहले कोंकण क्षेत्र के गांवों में से निकलकर पास के भारतीय शहरों में जाके बस गए थे. यह महाराष्ट्र के आसपास के इलाकों में बस गए.
इनकी मूल भाषा मराठी है. हालांकि अब भारत में बहुत कम बेने इजारायली बचे हैं.
बेने इजरायली ने अब अपनी लाइफस्टाइल में भारतीय संस्कृति को ही बसा लिया है. इससे उन्हें व्यापक आबादी से अलग करना मुश्किल है. (फोटो साभार- @Worldjewishcong)
साल 1948 में इजरायल को आजादी मिलने के बाद कई यहूदी वापस इजरायल की ओर पलायन कर गए. बेने इसराइलियों को शनिवार तेली के नाम से जाना जाता है. (फोटो साभार- @valmayuk)
बेने इजरायली सप्ताह के छठे दिन यानि शनिवार को काम नहीं करते हैं और उन्हें तेली भी कहा जाता है. (फोटो साभार- @__Interfaith__)
बेने इजरायली तेल का काम करते हैं. भारत में रहने के बाद भी ये अपनी परंपराओं को भूले नहीं है और इनके आधार पर यहां जीवन यापन करते हैं. (फोटो साभार- thejewsofindia)
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक बेने इसराइल सैमुएल रोहेकर कहते हैं कि ब्रिटिश शासन के दौरान ईसराइलियों को काफ़ी महत्वपूर्ण दर्जा दिया गया. उन्होंने सेना, रेलवे, स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा के क्षेत्र में काम किया. (फोटो साभार- thejewsofindia)
वो कहते हैं कि एक यहूदी मंदिर के भीतर आपको कभी कोई मूर्ति नहीं मिलेगी. हम अपनी पवित्र पुस्तकों को एक अलमारी में रखते हैं. (फोटो साभार- thejewsofindia)
इस अलमारी को पश्चिम की तरफ रखा जाता है. हिब्रू में इन किताबों को 'सेफेर टोरा' कहा जाता है. महीने में एक बार किसी शनिवार को इन पवित्र ग्रंथों को पढ़ा जाता है. (फोटो साभार- thejewsofindia)