हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला को 72 साल
बाद पहली महिला एसपी सौम्या सांबशिवन मिली. इनका जन्म केरल के
पालघाट में 24 मार्च 1980 में हुआ था. D.W. नेगी
को एसपी पद से हटाते हुए 2010 बैच की
आईपीएस अफसर सौम्या सांबशिवन को शिमला
का नया एसपी बनाया गया था.
उन्होंने बहुत कम समय में अपनी कार्य से
आम जनता, खासतौर पर
महिलाओं का दिल जीत
लिया है.वह हर तरह के अपराधों पर नियंत्रण करने
के लिए सीधी और मैदानी कार्रवाई करने के लिए
जानी जाती हैं.
महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने
के लिए वे महिलाओं से व्यक्तिगत तौर पर न केवल
संपर्क करती हैं, बल्कि उनके आत्म-रक्षा के तरीके भी
बताती हैं.
वह लड़कियों को एक खास स्प्रे का इस्तेमाल करना
सिखाती हैं, जिसके असर से मनचले करीब आधे
घंटे तक आंखें नहीं खोल सकते. मिर्च, रिफाइंड
और नेल पेंट से बना यह स्प्रे मनचलों को सबक
सिखाने के लिए काफी है.
बायो स्ट्रीम से ग्रेजुएट सौम्या एमबीए कर चुकी हैं.
उन्होंने मल्टीनेशनल बैंक में भी नौकरी की है.
वह लेखिका बनना चाहती थी. 2010 बैच की
इस IPS ने अपने काम के दम पर जनता का विश्वास
और सम्मान हासिल किया .
समाज और देश के लिए ईमानदारी, मेहनत और
निडरता के साथ कार्य करने का उनका जज्बा हम
सबके लिए एक मिसाल है.
सौम्या सांबशिवन को एक दबंग कॉप के रूप में
जाना जाता है. दरअसल आईपीएस अफसर सौम्या
को शिमला की जिम्मेदारी ऐसे समय में मिली, जब
यहां गुड़िया गैंगरेप-मर्डर केस की वजह से
कानून-व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी थी.
वह मूल रूप से केरल की रहने वाली हैं. वह
अपने माता-पिता की इकलौती बेटी हैं. उनके पिता
इंजीनियर थे.