वहीं मोदी को लगा कि वह डायलॉग की डिलीवरी परफेक्ट तरीके से कर रहे हैं. लेकिन वह चाहते थे कि डायरेक्टर भी उनके बारे में यहीं बोले. अगले दिन, मोदी ने डायरेक्टर से कहा कि वह मेरी जगह आए और मुझे बताए कि मैं कहां गलत कर रहा हूं. कुछ ही सेकंड में, मुझे एहसास हुआ कि खुद को बेहतर बनाने में
मैं कहां गलत हो रहा था. आपको फिर से बता दें, ये सभी बातें मोदी ने किताब "Exam Warriors" में लिखी है.