Personality Development Tips: आपने अक्सर देखा होगा कि कुछ लोग अपने मन की बात को दूसरों के सामने रखने से बचते हैं. ऐसे लोग कहीं न कहीं खुद को सफलता से दूर करते जाते हैं और दूसरों को लगता है कि ऐसे लोगों के पास खुद के अपने विचार नहीं हैं. लेकिन ऐसा नहीं होता. ऐसे लोगों के पास अपने विचार तो होते हैं. लेकिन वो दूसरों के सामने बोलने से हिचकिचाते हैं. ऐसा करने के बहुत कारण हो सकते हैं.
कैसे सफलता से करते हैं खुद को दूर?
दरअसल, दूसरों के सामने अपनी बात न रख पाने से कई बार ये लोग कुछ अच्छे मौके गंवा देते हैं. ऑफिस में कई बार ऐसा होता है कि अपने फायदे की बात भी ये सीनियर्स तक नहीं रख पाते क्योंकि इन्हें दूसरों के सामने बोलने से हिचकिचाहट होती है. इसलिए जरूरी है कि अगर आप में ये आदत है तो जल्द से जल्द इससे छुटकारा पाएं. आइए जानते हैं कैसे आप अपनी इस आदत को दूर कर सकते हैं.
अप्रोच करने का नजरिया बदलें: किसी के सामने बात न रख पाने का सबसे बड़ा कारण है कि हमें लगता है कि हमारी बात सामने वाले व्यक्ति को समझ नहीं आएगी या तो वो हमारी बात नहीं मानेंगे. इसलिए जरूरी है कि आप अपनी बात को इस अप्रोच के साथ न रखें. आपको बात रखते समय ये नहीं सोचना चाहिए कि सामने वाले का जवाब क्या होगा. अगर आप ये सोच भी रहे हैं कि सामने वाले का जवाब क्या होगा तो आपको ये सोचना चाहिए कि आपकी बात का जवाब हां हो सकता है. आप इंसान को मन में नकारात्मकता के विचार के साथ अप्रोच न करें. आपको सकारात्मक विचार के साथ दूसरों को अप्रोच करने की कोशिश करनी चाहिए.
खुद पर करें विश्वास: किसी के सामने अपनी बात न रख पाने का दूसरा सबसे बड़ा कारण होता है कि हमें खुद पर विश्वास नहीं होता. हमें इस बात पर कॉन्फिडेंस नहीं होता कि हम जो मांग रहे हैं, वो सही है या नहीं. इसलिए उसके लिए बात करने में हमें हिचकिचाहट होती है. अगर आप चाहते हैं कि आप अपनी बात को बिना झिझक के दूसरों के सामने रख पाएं तो पहले खुद पर कॉन्फिडेंस बनाएं. आपके इस चीज का कॉन्फिडेंस रखें कि आप जो भी कह रहे हैं या जो मांग रहे हैं वो सही है.
लोगों को खुश करने का न सोचें: दूसरों के सामने अपनी बात नहीं रख पाने का तीसरा बड़ा कारण है कि आप दूसरों को खुश रखने के बारे में ज्यादा सोचते हैं. इसलिए आप अपनी बात को नहीं कहते. हो सकता है आपकी कोई बात किसी को बुरी लग जाए, यही सोच कर आप अपने विचार अपने तक रखते हैं. लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आप अपनी बात खुलकर रख सकें तो आपको ये सोचना बंद करना पड़ेगा कि आपकी बात दूसरों को कैसी लगेगी
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