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Personality Development: नेगेटिव माहौल आपको भी कर रहा नकारात्मक? खुद को ऐसे रखें पॉजिटिव

नेगेटिव विचार हमारी प्रोफेशनल लाइफ से लेकर पर्सनल लाइफ तक पर असर डालते हैं. ऐसे में व्यक्ति के लिए सबसे ज्यादा जरूरी खुद को इन विचारों से दूर रखना है. नकारात्मक भाव वाले लोगों से दूरी रखनी जरूरी है.

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Positive Attitude (Photo-Freepik)
Positive Attitude (Photo-Freepik)

बचपन से हम पढ़ते आ रहे हैं, संगत अच्छी होनी चाहिए. लेकिन हर जगह संगत अच्छी मिलना मुमकिन नहीं है. घर से निकलकर हम कहीं भी जाएं तो तरह-तरह के लोग मिलते हैं. जरूरी नहीं कि हमें सारे लोग अच्छी सोच वाले ही मिलें. सोशल या प्रोफेशनल लाइफ में नेगेटिव माहौल का सामना करना ही पड़ता है. 

ऐसे में खुद के लिए कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है, जिससे माहौल के असर से बचकर आप खुद को सकारात्मक बनाए रख सकें. आइये जानते हैं, किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

सोच पर काबू रखें: सोच ही एक ऐसी चीज होती है, जो आपको नकारात्मक या सकारात्मक बनाए रख सकती है. जब हम नेगेटिव लोगों में रहने लगते हैं तो हम भी किसी बात को नेगेटिव नजरिए से ही देखने लगते है. ऐसे में अपनी सोच पर काबू रखना जरूरी है. किसी भी चीज के सकारात्मक पहलु को न भूलें.

अपने बारे में सकारात्मक सोच: जब नेगेटिविटी हावी होने लगती है तो हम खुद को लेकर भी नेगेटिव होने लगते हैं. हमें ऐसा नहीं होने देना है. हम अगर खुद के लिए नेगेटिव हो गए तो सबकुछ नेगेविट नजर आने लगेगा. इसलिए जरूरी है कि अपने बारे में सकारात्मक सोच बनाएं रखें. ये सोच आपमें सकारात्मकता भी बनाए रखेगी.

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सकारात्मक संवाद: खाली समय में जब हम लोगों से बात करते हैं तो दूसरे लोगों की बुराई करने लगते हैं या दूसरों के बारे में बात करने लगते हैं. हमें इन बातों में बचना है. पॉजिटिव लोग अन्य लोगों के नहीं बल्कि उद्देश्यों पर बात करते हैं. आगे बढ़ने की बात करते हैं, कामयाबी की बात करते हैं. यही चीजें आपमें सकारात्मकता बनाए रखेगी.

नेगेटिव लोगों से दूरी: बुरी चीज हमेशा ज्यादा आकर्षित करती है और हम न चाहते हुए भी नेगेटिविटी में फंस जाते हैं. इसलिए जरूरी है कि हम नेगेटिव लोगों की पहचान करें और उनसे दूरी बनाएं. वहीं, उन लोगों के साथ बैठें, जिनके साथ आपमें पॉजिटिव वाइब्स आती हों. पॉजिटिविटी आपको कामयाबी की तरफ ले जाती है.

सच पर ध्यान दें: सकारात्मक सोच का मतलब यह नहीं होता कि आप नकारात्मक बातों को नजरअंदाज करें. आपको ध्यान देना चाहिए जो सच है लेकिन साथ ही यह भी ध्यान रखना है कि आपको किस बात पर कितना ध्यान देना है. उदाहरण के लिए अगर किसी ने आपकी बुराई की है तो उस पर नकारात्मक भाव न लाएं और उसमें बदलाव लाने की कोशिश करें न की उसे सोचकर खुद को नेगेटिव करें. वहीं, तारीफ को घमंड न बनने दें बल्कि सकारात्मकता के लिए इस्तेमाल करें.

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