राउस एवेन्यू स्थित दिल्ली सरकार के सर्वोदय बाल विद्यालय में पढ़ने वाले लक्ष्य शर्मा के लिए बीते 10 महीने काफी चुनौतीपूर्ण रहे. लक्ष्य कहते हैं कि कोरोना के दौरान तो घर से बाहर नहीं निकल सकते थे. इसलिए पढ़ने में भी बहुत प्रॉब्लम्स आ रही थी. अब भी ग्लव्स और मास्क लगाना पड़ रहा है.
लक्ष्य की तरह ही 9वीं क्लास के सभी बच्चे स्कूल खुलने के बाद राहत की सांस ले रहे हैं. उमर को आज क्लास में इसलिए भी अलग लग रहा है क्यूंकि उनके बाकी के साथी अलग क्लास में शिफ्ट कर दिए गए हैं और वो बेंच पर अकेले बैठे हुए हैं. इनकी क्लास में कुल 29 छात्र और छात्राएं थीं पर बाकी के साथी ऊपर के फ्लोर पर शिफ्ट कर दिए गए हैं.
मास्क लगाना सैनिटाइजर से हाथ साफ करके अंदर दाखिल होना टेंपरेचर चेक कराना यह सब कुछ अपने स्कूल में दाखिल होते हुए करना नया-सा लग रहा है. अकाउंट के टीचर हरीश कुमार ने बताया कि स्टूडेंट के परिजनों से सहमति पत्र लिया गया.
यही नहीं, कोविड प्रोटोकॉल की गाइडलाइन के तहत एक क्लास से एक ही बच्चा बाथरूम भी जाने दिया जा रहा है. पहले एक डेस्क पर दो छात्र बैठ जाते थे पर अब टाइम टेबल के अनुसार सिर्फ 12 बच्चे एक क्लास में अलाउड है. बाकी को दूसरी क्लास में भेज दिया गया है.
राउस एवेन्यू स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय के प्रिंसिपल देवेन्द्र का कहना है कि आज से 9 और 11 दोनों क्लासेस शुरु होने से खुशी का वातावरण है. अच्छा लग रहा है. कोरोना की गाइडलाइन के तहत सैनिटाइज कराना सबको मास्क पहनाना क्लास में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है. वन बेंच वन स्टूडेंट का नियम भी लागू है जिसके अनुसार एक डेस्क पर एक ही बच्चा बैठेगा. 40 से 45 प्रतिशत बच्चे स्कूल आ चुके हैं.
स्कूल खुलने पर ट्विटर पर शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने लिखा कि स्कूलों में आज 9वीं और 11वीं के बच्चे भी लौट आए हैं..ज़िंदगी में रौनक़ लौट आई है. ज़िंदगी को वापस पटरी पर लाने के लिए हम 'द ज़ीरो कोरोना केस डे' का इंतज़ार नहीं कर सकते. हमें सावधानी से लेकिन कोरोना की चुनौती के बीच ही ज़िंदगी की रौनक़ वापस लानी है..और आज देखिए- ये हो रहा है..
बता दें कि पिछले साल 11 मार्च को ही बच्चे स्कूल आए हुए थे उसके बाद कोरोना के कारण स्कूल को बंद करना पड़ा. बच्चों में मोटिवेशन है वो स्कूल आना चाहते हैं वो स्कूल के अंदर सुचारू रूप से बच्चों की पढ़ाई लिखाई शुरू करना चाहते हैं.
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