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AI से किन लोगों की जा रही नौकरियां? कंपनी वाले इन पोस्ट पर काम करने वालों को कर रहे हैं बाहर

Jobs affected by AI: पिछले कुछ महीनों में कई बड़ी कंपनियों ने छंटनी की है, जिसमें कई लोगों की नौकरियां गई हैं. बताया जा रहा है कि एआई की वजह से इन नौकरियों पर असर पड़ा है. ऐसे में जानते हैं सबसे ज्यादा किन पदों की नौकरियां गई हैं...

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AI की वजह से कंपनियां कर्मचारियों की संख्या कम कर रही है. (Photo: ITG)
AI की वजह से कंपनियां कर्मचारियों की संख्या कम कर रही है. (Photo: ITG)

दुनियाभर की दिग्गज कंपनियों से छंटनी की खबरें आ रही हैं. पिछले कुछ सालों में कई बड़ी कंपनियों ने बड़ी संख्या में अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. कंपनियों की ओर से की जा रही इन छंटनियों का सबसे अहम कारण आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस को माना जा रहा है. बताया जा रहा है एआई के बढ़ते इस्तेमाल की वजह से दुनियाभर में कई नौकरियों पर खतरा बढ़ गया है.

ऐसे में हाल ही में हुईं छंटनियों से जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर सबसे ज्यादा किस तरह की नौकरियों पर असर पड़ा है और एआई से अभी किस सेक्टर और किन पोस्ट की नौकरियां गई हैं...

कितनी छंटनी हुईं?

कई कंपनियां AI की वजह से लोगों को बाहर कर रही हैं. अगर मोटा मोटा आंकड़ा देखें तो ऐसा माना जा रहा है कि साल 2022 से 2024 के बीच करीब 5 लाख 82 हजार लोग नौकरी गंवा चुके हैं. 2023 में सबसे ज्यादा ढाई लाख से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी हुई थी. साल 2025 में भी ये सिलसिला जारी है.

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अगर इस साल की बात करें तो मेटा ने 3,600, HPE ने 2,500, HP ने 2000, वर्क डे ने 1750, ऑटो डेस्क ने 1350, ओला इलेक्ट्रिक ने 1200, ब्लू ओरिजिन, सेल्फफोर्स ने 1000 लोगों को निकाल दिया है.

इनके अलावा भी कई कंपनियों के नाम इसमें शामिल हैं.

  • Amazon की अमेजन वेब सर्विसेज (AWS) ने सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी की है.
  • माइक्रोसॉफ्ट ने 2025 में करीब 15,000 कर्मचारियों की छंटनी की, जिसमें जुलाई में सबसे ज्यादा कटौती हुई.
  • टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानी TCS ने 2025 में करीब 12,200 कर्मचारियों की छंटनी की योजना बनाई है.
  • इंटेल (Intel) ने 2025 में 5,500 कर्मचारियों को निकालने की योजना बनाई है. ये छंटनी अलग-अलग लोकेशन पर हो रही हैं, जिसमें विदेश के भी कई ऑफिस शामिल हैं. कई रिपोर्ट्स में ये आंकड़ा 21000 भी बताया जा रहा है.
  • क्राउडस्ट्राइक (Crowdstrike) ने अपनी वर्कफोर्स के 5 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है.
  • फिनटेक कंपनी क्लार्ना ने पिछले एक साल में नई भर्तियों पर रोक लगाई है और कंपनी में कर्मचारियों की संख्या कम हो रही है.

किन लोगों पर सबसे ज्यादा खतरा?

अपनी कंपनियों में छंटनी के बाद कई अधिकारियों ने माना है कि AI की वजह से कर्मचारियों की कम जरूरत पड़ रही है, लेकिन कुछ कंपनियां इससे इंकार कर रही हैं. अब सवाल है कि किन लोगों पर सबसे ज्यादा खतरा है... तो बता दें कि इन कंपनियो में जिन पदों पर सबसे ज्यादा कैंची चली है, उनमें कोडिंग, सर्टिफिकेशन, HR डॉक्यूमेंट्स, और ईमेल रिस्पॉन्स आदि काम करने वाले कर्मचारी शामिल हैं.

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जैसे अमेजन में AI ऑटोमेशन पर काफी काम हो रहा है, जिस वजह से प्रिंसिपल-लेवल, कम्युनिकेशंस डिपार्टमेंट, बुक बिजनेस की नौकरियां खतरे में हैं. इससे ट्रेनिंग, सर्टिफिकेशन का काम करने वाले लोगों की नौकरियां गई हैं. इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट में ऑटोमेशन से इंजीनियरिंग और प्रोडक्ट रोल्स, सेल्स और रीजनल सपोर्ट फंक्शंस, सपोर्ट, एडमिनिस्ट्रेशन में काम करने वाले लोगों की नौकरियां गई हैं.

इंटेल में ऑटोमोटिव चिप डिवीजन, इंजीनियर्स, टीसीएस में मिडिल और सीनियर-लेवल प्रोफेशनल्स की नौकरियां गई हैं. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किन किन लोगों की नौकरियां जा रही हैं.

किन नौकरियों पर AI असर डालेगा?

World Economic Forum के डेटा के अनुसार, कैशियर, टिकट क्लर्क, एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टेंट, सेक्रेटेरियल पोस्ट की नौकरियों पर खतरा है. इसके अलावा मैनुअल टास्क पर बेस्ड नौकरियों को भी सबसे ज्यादा खतरा है, क्योंकि उन्हें RPA यानी रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन या एआई से रिप्लेस किया जा रहा है. साथ ही पोस्टल क्लर्क, बैंक टेलर, डेटा एंट्री ऑपरेटर आदि की नौकरियां भी खतरे में हैं.

किन नौकरियों को AI रिप्लेस नहीं कर पाएगा?

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के डेटा के हिसाब से डिलिवरी सर्विस, कंस्ट्रक्शन, फार्मिंग, फूड प्रोसेसिंग, टीचर, नर्स, काउंसलर, सोशल वर्कर्स पर एआई का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.

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