दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी ऑडिट और अकाउंटिंग कंपनी 'ग्रांट थोरोंटन' 3,000 लोगों को रोजगार देगी. कंपनी बेंगलुरु में अपना हेड ऑफिस बनाने जा रही है जहां वह टैक्स और आईटी से जुड़े काम करेगी. यहीं से वह दुनिया भर के अपने क्लाएंट्स को सलाह देगी. यह खबर आर्थिक समाचार पत्र 'द इकोनॉमिक टाइम्स' ने दी है.
अखबार के मुताबिक, 'ग्रांट थोरोंटन' के सीईओ स्टीफन एम चिपमैन ने एक दिलचस्प बात बताई. उन्होंने कहा कि मेरा टैक्स रिटर्न बेंगलुरु में भारतीय भरते हैं जो अमेरिकी टैक्स प्रणाली के विशेषज्ञ हैं. उनकी इस बात से पता चलता है कि बेंगलुरु आईटी की ही तरह दुनिया भर के टैक्स समाधान का एक बड़ा केंद्र बन सकता है.
कंपनी ने बेंगलुरु में 300 सीटों वाला एक सर्विस सेंटर बनाया है जहां से अमेरिकी क्लाएंट्स की टैक्स समस्याओं का समाधान किया जाता है. चिपमैन ने कहा कि उनकी कंपनी बेंगलुरु और संभवतः पूरे भारत को दुनिया भर के देशों के लिए केंद्र बनाएगी. हर साल यह कंपनी अपने क्लाएंट से फीस के तौर पर 4 अरब डॉलर वसूलती है.
अभी बेंगलुरू ही इसका केंद्र रहेगा. ग्रांट थोरोंटन के नेशनल मैनेजिंग पार्टनर विशेष सी चंडोक ने बताया कि कंपनी भारत में 3,000 लोगों को अगले चार से पांच साल में रोजगार देगी. उन्होंने दिल्ली में भी एक ऑफिस खोला है जहां से दुनिया भर के ग्राहकों की सूची बनाई जा रही है.
चिपमैन ने कहा कि कंपनी की योजना है कि भारत से प्रतिभाशाली लोगों को हायर किया जाए जो दुनिया भर के ग्राहकों के लिए काम करें.