राजधानी में यमुना पार ऐसे कई इलाके हैं, जहां चुनाव से पहले सैकड़ों कॉलोनियों को नियमित किया गया. विकास के दावे किए गए, लेकिन चुनाव के बाद इनकी सुध लेने वाला अब कोई नहीं है.