scorecardresearch
 

सुशांत केस में क्या सीबीआई तुरंत करेगी गिरफ्तारी? ये है विशेषज्ञों की राय

वरिष्ठ वकील विकास पाहवा कहते हैं कि सुशांत के परिवार के आरोप ही किसी की गिरफ्तारी का आधार नहीं बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी पीड़ित पक्ष के अनुरोध या दलील पर नहीं हो सकती है.

Advertisement
X
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (फाइल फोटो)
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (फाइल फोटो)

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच शुरू कर दी है. इसके साथ ही सोशल मीडिया और मेनस्ट्रीम मीडिया में ये सवाल लगातार पूछा जा रहा है कि क्या सीबीआई इस मामले में तुरंत किसी को गिरफ्तार करने वाली है. एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती की गिरफ्तारी को लेकर भी चर्चा की जा रही है.

इंडिया टुडे से बात करते हुए पूर्व सीबीआई डायरेक्टर एपी सिंह ने कहा कि अब सीबीआई को सबूत इकट्ठा करने होंगे और जैसा कि टीवी या फिर सुशांत के परिवार द्वारा मांग की जा रही है इस मामले में तुरंत किसी की गिरफ्तारी संभव नहीं दिखती है.

बता दें कि बिहार पुलिस को सुशांत के परिवार ने कहा है कि सुशांत को खुदकुशी के लिए उकसाया गया, उसके पैसों का दुरुपयोग किया गया, उसे कैद करके रखा गया और उसके विश्वास को तोड़ा गया. इस FIR में रिया चक्रवर्ती और उसके परिवार के सदस्यों का नाम हैं.

Advertisement

गिरफ्तारी इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर का विशेषाधिकार

गिरफ्तारी से जुड़े कानूनी प्रावधान स्पष्ट हैं. इसके मुताबिक गिरफ्तारी इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर (IO) का विशेषाधिकार है. पर देश की उच्च अदालतों ने कई फैसले में कहा है कि गिरफ्तारी 'तर्कपूर्ण और न्यायसंगत' होनी चाहिए.

पढ़ें- रिया-महेश भट्ट की व्हाट्सएप चैट आई सामने, खुद तोड़ा था सुशांत संग रिश्ता!

गिरफ्तारी को तर्कपूर्ण साबित करने में सक्षम हो IO

1994 में जोगिन्दर कुमार वर्सेज यूपी सरकार के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, "सिर्फ इसलिए गिरफ्तारी नहीं की जा सकती है क्योंकि पुलिस ऑफिसर के लिए ऐसा करना कानूनी रूप से वैध है, गिरफ्तारी की शक्ति का रहना एक चीज है, लेकिन इस अधिकार को इस्तेमाल करने का तर्क देना पूरी तरह से दूसरी चीज है. पुलिस अधिकारी के पास गिरफ्तारी का अधिकार रहने के अलावा उसे अपनी गिरफ्तारी को तर्कपूर्ण साबित करने में सक्षम होना चाहिए "

अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट कहा है कि सिर्फ आरोपों के आधार पर ही कि किसी ने एक अपराध किया है, एक रूटीन तौर पर किसी की गिरफ्तारी नहीं की जा सकती है.

कानूनी विशेषज्ञ कहते हैं कि सीबीआई की जांच किस ओर जाएगी इसका पूर्वानुमान अभी लगाना ठीक नहीं होगा. वरिष्ठ वकील रिबाका जॉन कहती हैं कि अभी सीबीआई ने केस अपने हाथ में लिया ही है, आगे सीबीआई क्या करेगी, ये कहना जल्दबाजी होगी.

Advertisement

पढ़ें- 8 जून सुशांत का घर छोड़ने के बाद रिया ने महेश भट्ट को किए थे मैसेज, चैट रिवील

वरिष्ठ वकील रमेश गुप्ता भी ऐसी ही राय रखते हैं. उन्होंने कहा, " इस केस में सुसाइड नोट नहीं है, सीबीआई को पूरे घटनाक्रम को एक साथ जोड़ना होगा, इसमें अभी तक कोई प्रत्यक्ष सबूत भी नहीं है, सिर्फ परिस्थितिजन्य साक्ष्य ही मौजूद हैं." उन्होंने आगे कहा कि कानून IO को किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है इसका ये मतलब नहीं है कि कोई भी गिरफ्तारी न्यायपूर्ण ही है."

सिर्फ पीड़ित पक्ष की दलील पर नहीं हो सकती है गिरफ्तारी

वरिष्ठ वकील विकास पाहवा कहते हैं कि सुशांत के परिवार के महज आरोप किसी की गिरफ्तारी का आधार नहीं बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी पीड़ित पक्ष के अनुरोध या दलील पर नहीं हो सकती है. हर केस में पीड़ित पक्ष किसी की गिरफ्तारी के लिए बेचैन रहता है.

इन परिस्थितियों में ही हो सकती है गिरफ्तारी

विकास पाहवा ने कहा, "अपराध की जघन्यता आरोपी की गिरफ्तारी का आधार नहीं बनती है, गिरफ्तारी तभी होती है जब जांच एजेंसी को आरोपी से कुछ रिकवर करना होता है या फिर IO को लगता है कि आरोपी जांच में उसके साथ सहयोग नहीं कर सकता है, या फिर ये देखा जाता है कि क्या आरोपी को कस्टडी में लेकर पूछताछ की जरूरत है, या फिर ऐसा लगता है कि आरोपी गवाहों को प्रभावित कर रहा है, या फिर कुछ छिपा रहा है, ऐसी परिस्थितियों में ही गिरफ्तारी न्यायपूर्ण होती है."

Advertisement

वरिष्ठ वकील पाहवा ने कहा कि सीबीआई जांच के नए आयाम खोल सकती है और ऐसे लोगों को भी आरोपी बना सकती है जिसका नाम सुशांत के परिवार ने लिया ही नहीं है, इसलिए अभी इस मामले में कयास नहीं लगाया जा सकता है.

Advertisement
Advertisement