scorecardresearch
 

विकास दुबे ने कबूला- घटना से एक दिन पहले ही हथियारों के साथ गुर्गों को बुलाया

कानपुर गोलीकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे को गुरुवार सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर के सामने पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

Advertisement
X
पुलिस की गिरफ्त में विकास दुबे (फोटो- ANI)
पुलिस की गिरफ्त में विकास दुबे (फोटो- ANI)

  • गोलीकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे को था पुलिस एनकाउंटर का डर
  • विकास के संपर्क में थे पुलिस के लोग, छापेमारी की पहले दे दी जानकारी

कानपुर गोलीकांड के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे को पूछताछ के लिए उज्जैन के पुलिस ट्रेनिग सेंटर में रखा गया है. सूत्रों के मुताबिक फिलहाल पुलिस गैंगस्टर विकास दुबे से पूछताछ कर रही है. पुलिस की पूछताछ में विकास दुबे ने बताया कि उसे डर था कि पुलिस उसका एनकाउंटर करने आ रही है, इसलिए उसने फायरिंग की थी.

कानपुर गोलीकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे ने बताया कि उसको छापेमारी की जानकारी पुलिस के सूत्रों से ही मिली थी. पुलिस के लोग उसके सम्पर्क में थे. इतना ही नहीं, सूत्रों के मुताबिक विकास दुबे को पुलिस रेड के बारे मे काफी पहले से ही जानकारी थी. लिहाज़ा उसने अपने साथियों को बुला लिया था. विकास दुबे ने अपने सभी साथियों से कुछ खतरा होने और हथियार लेकर आने को भी कहा था.

Advertisement

गैंगस्टर विकास दुबे का कहना है कि आमतौर पर उसके साथी वैसे भी हथियार लेकर ही आसपास जाते थे, लेकिन घटना के एक दिन पहले ही उसने लोगों को बोल दिया था कि हथियार लेकर आएं. विकास दुबे ने पुलिस के लूटे हुए हथियारों के बारे में भी जानकारी दी है. पुलिस विकास दुबे को रिमांड पर लेकर कानपुर सबूत ढूंढने जाएगी.

इसे भी पढ़ेंः विकास दुबे की गिरफ्तारी या सरेंडर? कल रात अचानक महाकाल मंदिर पहुंचे थे DM-SP!

गैंगस्टर विकास दुबे का इरादा बेहद खतरनाक था. हालांकि घटना के बाद विकास दुबे डर गया था. उसका दावा है कि गोलियां चलाने के बाद उसे लगा था कि अब वो बुरी तरह फंस गया है.

आपको बता दें कि गुरुवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर के साथ से गैंगस्टर विकास दुबे को गिरफ्तार किया गया था. कानपुर में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या मामले में मुख्य आरोपी विकास दुबे के सिर पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने 5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.

पुलिसकर्मियों की लाशों को जलाना चाहता था विकास दुबे

विकास दुबे ने अपने कुबूल किया कि घटना के बाद घर के ठीक बगल में कुएं के पास पांच पुलिसवालों की लाशों को एक के ऊपर एक रखा गया था, ताकि उनमें आग लगाकर सबूत नष्ट कर दिए जाएं. आग लगाने के लिए घर में गैलनों में तेल रखा गया था. 50 लीटर गैलन के तेल से पुलिसकर्मियों के शव को जलाने का इरादा था, लेकिन लाशें इकट्टठा करने के बाद उसे मौका नहीं मिला था और फिर वह फरार हो गया था.

Advertisement

इसे भी पढ़ेंः नहीं चलेगी सरेंडर की दलील, विकास दुबे ने खुद कहा- इन्होंने मुझे पकड़ लिया है!

पुलिस पूछताछ में विकास दुबे ने बताया कि उसने अपने सभी साथियों को अलग-अलग भागने के लिए कहा था. गांव से निकलते वक्त ज्यादातर साथी जिधर समझ में आया, उसी ओर भाग गए.

सुबह छापेमारी की थी जानकारी, पर पुलिस रात में ही पहुंच गई

विकास दुबे ने बताया कि हम लोगों को सूचना थी कि पुलिस सुबह आएगी, लेकिन पुलिस रात में ही रेड करने आ गई. हमने खाना भी नहीं खाया था, जबकि सबके लिए खाना बन चुका था.

घटना के अगले दिन मारा गया विकास का मामा जेसीबी मशीन का इंचार्ज था, लेकिन वो जेसीबी नहीं चला रहा था. रात मे राजू नाम के एक साथी ने जेसीबी मशीन को बीच सड़क मे पार्क किया था. विकास के मामा को अगले दिन पुलिस ने एनकाउंटर में मार दिया था.

चौबेपुर ही नहीं, कई थानों में हैं विकास दुबे के मददगार

विकास दुबे ने बताया, 'चौबेपुर थाना ही नहीं, बल्कि कई थानों में मेरे मददगार थे, जो तमाम मामलों में मेरी मदद करते थे. लॉकडाउन के दौरान चौबेपुर थाने के तमाम पुलिसवालों का मैने बहुत ख़्याल रखा था. मैं सबको खाना-पीना खिलाने के साथ ही दूसरी मदद भी करता था.'

Advertisement

पुलिस पूछताछ में विकास दुबे ने बताया कि उसके पास क्रूड बम भी थे, जिनको उसने सामने के घर में रखा था. पुलिस पर पहले इन बमों से हमला किया गया था और फिर बाद में गोलियां चलाई गई थीं.

Advertisement
Advertisement