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1 लाख का बिजली बिल, संयुक्त मकान मालिक..तो बदल गया आपके लिए IT रिटर्न फॉर्म

आयकर विभाग ने इनकम टैक्स रिटर्न के फॉर्म में कुछ बदलाव किए हैं. इन बदलावों के मुताबिक अब कई तरह के टैक्सपेयर्स सामान्य ITR-1 सहज फॉर्म नहीं भर पाएंगे.

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आईटीआर के नियमों में हुआ बदलाव
आईटीआर के नियमों में हुआ बदलाव

  • मकान के संयुक्त मालिक के लिए ITR-1 सहज मान्य नहीं
  • विदेश यात्रा पर दो लाख रुपये खर्च तो भी ITR-1 नहीं चलेगा
  • साल में 1 लाख का दिया बिजली का बिल तो भी यह फॉर्म नहीं
  • बैंक खाते में एक करोड़ रुपये की राशि है तो भी ITR-1 नहीं चलेगा

आयकर विभाग ने इनकम टैक्स रिटर्न के फॉर्म में कुछ बदलाव किए हैं. इन बदलावों के मुताबिक अब वे लोग सामान्य ITR-1 सहज फॉर्म नहीं भर पाएंगे जो किस मकान के संयुक्त मालिक हों, विदेश यात्रा पर दो लाख रुपये खर्च किए हों या साल में 1 लाख  रुपये तक बिजली का बिल दिया हो.

जिनके बैंक खाते में एक करोड़ रुपये की राशि है वे भी यह फॉर्म नहीं भर पाएंगे. ऐसे करदाताओं को दूसरे फॉर्म में रिटर्न भरना होगा, जिन्हें आने वाले दिनों में अधिसूचना के द्वारा बताया जाएगा.

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सरकार आम तौर पर हर साल अप्रैल महीने में आयकर रिटर्न भरने के फॉर्म की अधिसूचना जारी करती है, लेकिन सरकार ने इस बार आकलन वर्ष 2020-21 के लिए तीन जनवरी को ही अधिसूचना जारी कर दी. अभी तक की व्यवस्था के अनुसार 50 लाख रुपये तक की सालाना कमाई करने वाले आम निवासी व्यक्ति आईटीआर-1 ‘सहज’ फॉर्म भर सकते थे. 

क्या हुए बदलाव

इसी प्रकार व्यवसाय और पेशे से हाने वाली अनुमानित और 50 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले हिन्दू अविभाजित परिवार, एलएलपी को छोड़कर अन्य कंपनियां, व्यक्तिगत करदाता आईटीआर-4 सुगम में रिटर्न भरते हैं.  

लेकिन ताजा जारी अधिसूचना के मुताबिक इसमें दो महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं. यदि किसी व्यक्ति के पास घर का संयुक्त मालिकाना अधिकार है तो वह आईटीआर-1 या आईटीआर-4 में अपना रिटर्न नहीं भर सकता है.  

दूसरे, जिनके पास बैंक खाते में एक करोड़ रुपये से अधिक जमा राशि है, जिन्होंने विदेश यात्राओं पर दो लाख रुपये खर्च किए हैं अथवा सालभर में एक लाख रुपये या अधिक बिजली का बिल भरा है, उनके लिए आईटीआर-1 भरना अब वैध नहीं होगा.

क्या कहा गया नोटिफिकेशन में

नोटिफिकेशन में कहा गया है, 'जो कोई भी व्यक्ति दो या तीन लोगों के साथ किसी मकान का मालिकाना हक रखता है, उसे भी आयकर रिटर्न दाखिल करना जरूरी होगा.' बदलाव की वजह से अब ऐसे सभी टैक्सपेयर्स तब तक रिटर्न दाखिल नहीं कर सकते, जब तक ई-फाइलिंग का पोर्टल एक्ट‍िवेट नहीं हो जाता.

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