आने वाले दिनों में गोएयर एयरलाइन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने गोएयर को ‘कैश एंड कैरी’ आधार पर परिचालन करने की अनुमति देने का निर्णय किया है. इसका मतलब ये हुआ कि कंपनी को प्राधिकरण के हवाईअड्डों से उड़ाने संचालित करने के लिए प्रतिदिन भुगतान करना होगा.
एक अनुमान के मुताबिक गोएयर पर प्राधिकरण का 50 करोड़ से ज्यादा का बकाया है. इस बीच, गोएयर के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी इस मामले में प्राधिकरण के साथ बातचीत कर रही है. वहीं ग्राहकों को आश्वस्त करती है कि इससे उसके परिचालन पर कोई असर नहीं आने वाला है.
क्यों लिया गया फैसला
प्राधिकरण ने गोएयर के बकाया भुगतानों को नहीं देने के चलते यह आदेश दिया है. आपको बता दें कि एक विमानन कंपनी को हवाईअड्डे से उड़ानें संचालिक करने के लिए हवाईअड्डा प्रबंधन को कई तरह के शुल्क देने होते हैं. इसमें एयर नेविगेशन, लैंडिंग और विमान की पार्किंग इत्यादि से जुड़े शुल्क शामिल हैं.
वहीं प्राधिकरण की बात करें तो ये नागर विमानन मंत्रालय के तहत काम करता है और देश में 100 अधिक हवाईअड्डों का प्रबंधन देखता है. जबकि दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू और हैदराबाद के हवाईअड्डों का प्रबंधन निजी हाथों में है.
कोरोना काल में बढ़ेगी मुसीबत!
गोएयर पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का आदेश ऐसे समय में आया है जब देश की एयरलाइन कंपनियां कोरोना की मार झेल रही हैं. कोरोना और लॉकडाउन की वजह से करीब दो महीने तक सभी पैसेंजर्स उड़ान सेवाएं बंद थीं. हालांकि, मई के आखिरी हफ्ते से घरेलू उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू कर दिया गया है लेकिन अब भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं पर रोक बरकरार है.
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आपको बता दें कि हाल ही में इंडिगो और स्पाइसजेट ने अपनी तिमाही नतीजों का ऐलान किया है. इंडिगो को जून तिमाही में भारी घाटा हुआ है. वहीं, स्पाइसजेट को बीते वित्त वर्ष के आखिरी तिमाही में नुकसान हुआ है.