दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस का असर व्यापार पर भी पड़ रहा है. सोमवार को कच्चे तेल की कीमतों में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई, जो कि 2017 के बाद एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट है. क्रूड ऑयल के दामों में करीब 30 फीसदी की गिरावट से दुनियाभर में हलचल है, ऐसे में भारत में लोगों को उम्मीद है कि यहां पर पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती होगी.
सिर्फ कोरोना ही नहीं बल्कि रूस और OPEC देशों के बीच कच्चे तेल की कीमतों को लेकर चल रही बहस का भी दाम पर असर देखा जा रहा है.
सऊदी अरब की सबसे बड़े कंपनी सऊदी अरामको ने अप्रैल के लिए कच्चे तेल के दाम में 3.10 डॉलर प्रति बैरल की कटौती की है, जबकि मार्च में ये छूट 6 डॉलर तक थी.
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क्या भारत में घटेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम?
दुनियाभर में क्रूड ऑयल सस्ता होने की वजह से अब भारत में हर किसी की नज़र पेट्रोल-डीजल की कीमत पर है. पिछले लंबे समय से क्रूड ऑयल के दाम घटते जा रहे हैं, लेकिन इसका भारत में कम ही असर दिखाई दिया. सोमवार को भी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 70.59 और डीजल की कीमत 63.26 है.
रूस और ओपेक देशों में बढ़ी रार से मुश्किल
एक तरफ तो दुनिया में कोरोना वायरस की मार है, दूसरी ओर रूस-ओपेक देशों में कच्चे तेल के दाम पर बात नहीं बन पाई. रूस के साथ ओपेक देशों का तीन साल का समझौता तब खत्म हुआ, जब रूस ने नए दाम के सिस्टम पर हामी भरने से इनकार कर दिया.
क्रूड ऑयल के मसले पर इस डील के ना हो पाने के कारण एशिया के शेयर बाजारों में हलचल बढ़ गई. भारत में कोरोना वायरस, येस बैंक संकट के साथ क्रूड ऑयल के झटके से शेयर बाजार 1500 अंक तक गिरा. तो वहीं, टोक्यो, हॉन्गकॉन्ग, सिडनी, सियोल के शेयर बाजारों में भी 3 से 4.7 फीसदी तक की गिरावट हुई.