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कोरोना का डर बाजार पर बरकरार, सेंसेक्स 810 अंक लुढ़का, निफ्टी 9 हजार के नीचे बंद

सोमवार को अमेरिकी शेयर बाजार में लोअर सर्किट लगने की वजह से कारोबार 15 मिनट के लिए रोक दिया गया. इससे पहले 12 मार्च को लोअर सर्किट लगाया गया था. इसका असर अगले ही दिन भारतीय शेयर बाजार पर दिखा था.

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सोमवार को 7.62 लाख करोड़ का लगा चूना
सोमवार को 7.62 लाख करोड़ का लगा चूना

  • सोमवार को सेंसेक्स 2,713.41 अंक गिरावट के साथ 31,390.07 अंक पर बंद हुआ
  • निफ्टी 757.80 अंक यानी 7.61% की गिरावट के साथ 9,197.40 अंक पर बंद हुआ

जिस बात का डर था, वही हुआ. दरअसल, इस बात की आशंका थी कि अमेरिकी शेयर बाजार की तरह एक बार फिर भारतीय बाजार में कोरोना का असर दिख सकता है, हुआ भी कुछ ऐसा ही.

सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को सेंसेक्स खुलने के साथ 350 अंक लुढ़क कर 31 हजार के स्तर पर था तो वहीं निफ्टी भी करीब 30 अंक की गिरावट के साथ 9,100 अंक के स्तर पर था. लेकिन कुछ देर बाद भारतीय बाजार में रिकवरी भी दिखी और सेंसेक्स-निफ्टी हरे निशान पर कारोबार करते दिखे. शेयर बाजार में बढ़त दोपहर बाद भी जारी रही.

और आखिरी घंटे में बिकवाली

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वहीं कारोबार के आखिरी कुछ मिनटों में एक बार फिर बिकवाली लौट आई और सेंसेक्स—निफ्टी बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 810.98 अंक यानी करीब 2.58 फीसदी लुढ़क कर 30,579.09 अंक पर बंद हुआ. निफ्टी 230.35 अंक लुढ़क कर 8,967.05 अंक पर बंद हुआ.

बाजार के जानकारों का कहना है कि निवेशक अभी स्थायी निवेश नहीं बल्कि कमा कर निकलने के मूड में नजर आ रहे हैं, यही वजह है कि आखिरी घंटे में बाजार में अचानक बड़ी बिकवाली देखने को मिली. इसके अलावा मूडीज की ओर से भारत की ग्रोथ रेट कम करने का भी असर देखने को मिला.

बता दें कि मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को एक बार फिर से घटा दिया है. मूडीज ने मंगलवार को भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 2020 के कैलेंडर ईयर के लिए घटाकर 5.3 फीसदी कर दिया है.

दोपहर 1.30 बजे ये रहा सेंसेक्स का हाल

हालांकि, कारोबार के दौरान बीते दिन के लिहाज से सेंसेक्स ने 3000 अंकों से अधिक की रिकवरी की. वहीं निफ्टी भी निचले स्तर से करीब 800 अंक रिकवर हुआ.

सुबह 9.40 में सेंसेक्स का हाल

क्यों दिख रहा कम दबाव?

दरअसल, कोरोना वायरस से निपटने के लिए दुनियाभर के प्रयासों की वजह से निवेशकों में भरोसा बढ़ा है. बता दें कि अमेरिका ने कोरोना वायरस के टीके का परीक्षण शुरू कर दिया है. स्थानीय मीडिया के मुताबिक सोमवार को पहले शख्स पर इस टीके का प्रयोग किया गया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसकी प्रशंसा की और कहा कि यह दुनियाभर में सबसे जल्दी विकसित किया जाने वाला टीका है. इसके अलावा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा दिए गए भरोसे की वजह से भी निवेशकों का डर थोड़ा कम होता दिख रहा है. लेकिन इसके बावजूद निवेशक लॉन्ग टर्म निवेश से बच रहे हैं.

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सोमवार को 7.62 लाख करोड़ का लगा चूना

बता दें कि सोमवार को सेंसेक्स और निफ्टी ने एक बार फिर ऐतिहासिक गिरावट देखी. इस वजह से निवेशकों को 7.62 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी. कारोबार के अंत में तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 2,713.41 अंक यानी 7.96 फीसदी की गिरावट के साथ 31,390.07 अंक पर बंद हुआ. इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 757.80 अंक यानी 7.61 फीसदी की गिरावट के साथ 9,197.40 अंक पर बंद हुआ.

ये भी पढ़ें—कोरोना इफेक्ट: फिर थमा अमेरिकी शेयर बाजार, भारत के लिए कैसा होगा दिन?

बीते सप्‍ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में लोअर सर्किट लग गया.इस वजह से शेयर बाजार में 45 मिनट के लिए ट्रेडिंग रोक दी गई. मतलब ये कि इस दौरान शेयर बाजार में किसी भी तरह का कारोबार नहीं हुआ.

अभी क्या करना चाहिए?

वहीं, बाजार के हालात पर Investonline.in के अभिनव अंगीरिश ने कहा कि ये उन लोगों के लिए एक मौका है जो रियायती अवसर की तलाश करते हैं.निवेशकों को इक्विटी में आवंटन बढ़ाने के लिए इस मौके का उपयोग करना चाहिए. अभिनव ने बताया कि एक निवेशक का ध्यान बाजार के हालात पर बहस करने के बजाय अपने वित्तीय लक्ष्य पर ध्यान देना चाहिए.

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अमेरिकी बाजार में क्या हुआ?

बीते कारोबारी दिन सोमवार को अमेरिकी शेयर मार्केट डाउ जोन्स खुलते ही 2748 अंक गिर गया. ऐसे में बाजार पर लोअर सर्किट लगा और कारोबार को 15 मिनट के लिए रोक दिया गया. यही हाल एक अन्य सूचकांक S&P 500 का रहा. जब ट्रेडिंग रोकी गई तो यह 220.55 अंक गिरकर 2,490.47 (8.14) फीसदी पर था.

फिली​पींस में शेयर बाजार बंद

कोरोना की वजह से दुनियाभर के शेयर बाजारों में हाहाकार मचा हुआ है. हालात ये हो गए हैं कि फिलीपींस ने अपने बाजार बंद कर दिए हैं. फिलीपींस दुनिया का पहला ऐसा देश है जो वायरस की वजह से अपने शेयर बाजार में कारोबार को बंद कर दिया है. वहीं यहां फाइनेंशियल कामकाज भी नहीं हो रहा है. इस वजह से देश के लोग परेशान हैं. फिलीपींस के स्टॉक एक्सचेंज प्रेसिडेंट रेमन मोनजोन ने कहा कि निवेशकों और आम लोगों की सुरक्षा के लिया ये कदम उठाना जरूरी हो गया था.

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