सरकार ने कहा है कि जिन राज्यों में कोयला खानों का आवंटन किया जा रहा है, उन्हें खदानों की नियमित निगरानी के लिये व्यवस्था तैयार करनी होगी. इसके साथ ही उसके विकास के बारे में तिमाही आधार पर रिपोर्ट सौंपनी होगी.
सरकारी ज्ञापन के अनुसार, 'संबंधित राज्य सरकार को नियमित तौर पर भौतिक रूप से निगरानी समेत ऐसी व्यवस्था बनानी होगी जिससे कोयला खानों के विकास की निगरानी नियमित तौर पर हो सके. साथ ही वे इस बारे में तिमाही आधार पर कोयला मंत्रालय या उसके द्वारा अधिकृत एजेंसही को रिपोर्ट सौपेंगी.' यह मंत्रालय की निगरानी के अलावा होगा.
ज्ञापन में कोयला खानों के आवंट से जुड़ी नियम एवं शर्तों का जिक्र किया गया है. इस कदम का उद्देश्य उन कंपनियों पर लगाम लगाना है जिन्हें निजी उपयोग के लिये कोयला खान दिया गया लेकिन उन्होंने उसका समय पर विकास नहीं किया.
सोमवार को जारी हुए आधिकारिक बयान के अनुसार अबतक सरकार ने विभिन्न सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की कंपनियों को खुद के उपयोग के लिये 218 कोयला खानों का आवंटन किया है. इनमें से केवल 30 खानों से उत्पादन शुरू हुआ है.