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शहर छोड़कर पहाड़ों पर जा रहे हैं लोग, प्रॉपर्टी की कीमतों में लगी आग

शिमला, नैनीताल और लोनावला जैसे हिल स्टेशन अब केवल पर्यटक स्थल नहीं रहे, बल्कि ये स्थायी निवेश और आरामदायक जीवन शैली का केंद्र बन रहे हैं. लोग अपने लिए इन इलाकों में आशियाना तलाश रहे हैं.

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पहाड़ों पर बनाएं अपना आशियाना (Photo-ITG)
पहाड़ों पर बनाएं अपना आशियाना (Photo-ITG)

बड़े शहरों की भीड़, शोर और प्रदूषण से परेशान लोग अब अपने लिए पहाड़ों पर आशियाना तलाश रहे हैं. पिछले कुछ सालों से कई हिल स्टेशनों पर बड़े-बड़े बिल्डर हाउसिंग प्रोजेक्ट लेकर आ रहे हैं और लोगों में ऐसे घरों की मांग लगातार बढ़ रही है. शिमला से लेकर ऊटी तक अलग-अलग हिल स्टेशनों पर प्रॉपर्टी के रेट भी आसमान छूने लगे हैं.

जहां पहले लोग सिर्फ वेकेशंस के लिए पहाड़ी इलाकों पर जाते थे, कोविड के बाद रिमोट वर्क के ऑप्शन ने लोगों के लिए सेकंड होम के दरवाज़े खोल दिए. अब लोग साफ हवा में सुकून से काम करने के लिए ऐसे इलाकों की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं. लोगों की मांग बढ़ी तो रेट भी बढ़ने लगे. आलीशान विला से लेकर लग्ज़री अपार्टमेंट बनाए जा रहे हैं.

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किन इलाकों में है सबसे ज़्यादा मांग?

शिमला, नैनीताल, मसूरी, लोनावला, कुर्ग और ऊटी जैसे हिल स्टेशन सबसे ज़्यादा मांग में हैं. इन इलाकों में जहां एक तरफ लोग रिटायरमेंट के बाद रहने के लिए घर में निवेश कर रहे हैं, तो वहीं ऐसे प्रोफेशनल्स जिनको रिमोट वर्क की सुविधा है, वो यहां घर खरीदकर शिफ्ट हो रहे हैं. डेवलपर इसका फायदा उठाते हुए कॉटेज, विला, स्टूडियो अपार्टमेंट और फ्लैट का निर्माण कर रहे हैं.

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पहाड़ी इलाकों में तेज़ी से बढ़ रही हैं कीमतें

उत्तराखंड, हिमाचल और भारत के अन्य लोकप्रिय पहाड़ी क्षेत्रों में रियल एस्टेट की कीमतें पिछले कुछ सालों में तेज़ी से बढ़ी हैं, जिसका मुख्य कारण है 'वर्क फ्रॉम होम' कल्चर और शहरी जीवन से शांति की तलाश में लोगों का पलायन. शहरों के धनी खरीदारों और निवेशकों को इन शांत वादियों में निवेश का अच्छा विकल्प दिख रहा है, जिससे निर्माण योग्य भूमि की सीमित आपूर्ति पर दबाव पड़ा और ज़मीन के दाम आसमान छूने लगे. बेहतर सड़कों, हाईवे और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास ने इन क्षेत्रों तक पहुंच को आसान बना दिया है, जिससे इनकी अपील और बढ़ गई है. इसके अलावा, राज्य सरकारों द्वारा राजस्व बढ़ाने के लिए सर्किल रेट में की गई वृद्धि ने भी घरों और संपत्तियों की अंतिम लागत को बढ़ा दिया है.

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पहाड़ी इलाकों में क्या हैं कीमतें?

मैजिकब्रिक्स के मुताबिक लोनावला में विला और कॉटेज की कीमत 9,000 रुपये प्रति वर्ग फुट से लेकर 15,000 रुपये प्रति वर्ग फुट तक है. यहां प्रॉपर्टी कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. वहीं नैनीताल में अगर आप अपार्टमेंट लेना चाहते हैं, तो यहां 7,000 रुपये से लेकर 11,000 रुपये तक प्रति वर्ग फुट रेट है. ऊटी में विला की कीमत 8,000 रुपये प्रति वर्ग फुट से लेकर 13,000 रुपये तक है. शिमला की बात करें तो यहां 2BHK और 3BHK की कीमत 80 लाख रुपये से 2 करोड़ तक है. 

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क्या पहाड़ों पर घर खरीदना वाकई आसान है?

पहाड़ों की सुंदरता और शांति भले ही लोगों को आकर्षित करती है, लेकिन वहां घर खरीदना इतना आसान नहीं है, जितना मेट्रो शहरों में होता है. खरीदार को सबसे पहले स्थानीय भूमि कानूनों को समझना जरूरी है, जैसे कि हिमाचल प्रदेश में बाहरी व्यक्तियों के लिए कृषि भूमि खरीदने पर धारा 118 के तहत प्रतिबंध हैं, और उत्तराखंड में भी कुछ नियम लागू हैं. इसके अलावा, सीमित और दुर्गम भूभाग के कारण निर्माण लागत बहुत ज़्यादा आती है, साथ ही मिट्टी की स्थिरता और भूकंप-रोधी डिज़ाइन जैसी सुरक्षा चिंताओं को भी ध्यान में रखना पड़ता है. प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशीलता को देखते हुए हर निवेश में जोखिम शामिल होता है. 

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