वैश्विक रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म Cushman & Wakefield की ताज़ा रिपोर्ट भारतीय अचल संपत्ति बाजार में निवेशकों के मजबूत भरोसे को दर्शाती है. कंपनी ने अपनी नई रिपोर्ट में बताया है कि भारतीय प्रॉपर्टी मार्केट पर निवेशकों का भरोसा बहुत मज़बूत है. उनकी रिपोर्ट 'इंडिया कैपिटल मार्केट्स Q3 2025' के हिसाब से, साल 2025 के पहले नौ महीनों (जनवरी से सितंबर) के दौरान, भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में $4.7 बिलियन (यानी करीब ₹39,200 करोड़) का मोटा पैसा बाहर की कंपनियों और बड़े संस्थागत निवेशकों ने लगाया है.
यानी, बड़े-बड़े निवेशक अब भी मान रहे हैं कि भारत में ज़मीन-जायदाद में पैसा लगाना फायदे का सौदा है. यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 10% की गिरावट को दर्शाता है, लेकिन उम्मीद है कि इस साल का कुल निवेश 6 से 6.5 बिलियन डॉलर के बीच समाप्त होगा.
यह भी पढ़ें: कम सेल, "कम सेल, कमाई बंपर.. कैसे बिल्डर घर बेचकर बना रहे हैं तगड़ा मुनाफा
मुंबई में, बड़े-बड़े निवेशकों ने कई तरह की प्रॉपर्टीज़ में पैसा लगाया, सबसे ज़्यादा $377.6 मिलियन का निवेश घरों वाले सेक्टर में आया, खासकर पुराने घरों को तोड़कर नए बनाने वाली स्कीमों में. इसके बाद ऑफिस स्पेस में $339.71 मिलियन का तगड़ा निवेश हुआ. वहीं गोदामों (Logistics) और फैक्ट्रियों (Industrial) वाली प्रॉपर्टीज़ में $269.3 मिलियन और ऑफिस-होटल जैसी मिक्सड-यूज इमारतों में $155 मिलियन लगे.
डेटा सेंटरों में भी $54.6 मिलियन का निवेश आया, जिससे पता चलता है कि निवेशक अब नए तरह के विकल्पों पर भी दांव लगा रहे हैं.
यह भी पढ़ें: नए शहर में किराए पर सस्ता और अच्छा घर चाहिए, पहले जान लें ये 5 स्मार्ट टिप्स
इसमें अकेले अमेरिका के निवेशकों ने $500 मिलियन और जापान के निवेशकों ने $297 मिलियन दिए. बाकी का $398 मिलियन पैसा अपने देश के निवेशकों ने लगाया. पूरे भारत की बात करें तो, अपने देश के निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़कर 48% हो गई है. यह दिखाता है कि भारतीय निवेशक अब बाजार को सहारा दे रहे हैं, भले ही दुनिया भर में उतार-चढ़ाव हो. देश में ऑफिस की प्रॉपर्टी (35%) अब भी निवेशकों की सबसे पहली पसंद बनी हुई है, जिसके बाद घर (26%), रिटेल/दुकानें (12%) और गोदाम/फैक्ट्रियां (9%) आते हैं.