आपके ईमेल अकाउंट में अक्सर भारतीय रिजर्व बैंक के नाम से कई ईमेल आते हैं. ज्यादातर समय ये ईमेल आरबीआई गवर्नर के नाम से प्रेषित होते हैं. इन ईमेल में आपके इनाम जीतने की घोषणा होती है.
ईमेल में आप से कहा जाता है कि लाखों रुपये की इनामी राशि हासिल करने के लिए आपको कुछ हजार रुपये पहले ट्रांसफर करना होगा. ताकि आपको पूरी इनामी राशि भेजी जा सके.
अगर आपको भी कोई ऐसा ईमेल आया है, तो इसका जवाब देने से पहले खुद केंद्रीय बैंक से पूछ लें कि उसने यह ईमेल आपको भेजा है कि नहीं. भारतीय रिजर्व बैंक ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, जहां फोन कर आप ऐसे ईमेल की जानकारी उसे दे सकते हैं और जरूरी दिशा-निर्देश हासिल कर सकते हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक आपको कभी भी ऐसे ईमेल नहीं भेजता है. ये ईमेल आपकी गाढ़ी कमाई पर डाका डालने के लिए भेजे जाते हैं. इनाम के नाम पर आप से पैसे मांगे जाते हैं. इस तरह आपके पैसे भी चले जाते हैं और आपको इसके बदले कुछ भी नहीं मिलता.
ऐसे ही ईमेल और एसएमएस को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक लगातार आम लोगों के लिए बैंकिंग लेनदेन सुरक्षित बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है. इस दिशा में केंद्रीय बैंक ने सभी लोगों को एसएमएस भेजकर जागरूक करना शुरू कर दिया. अब इसके लिए उसने हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिया है.
रिजर्व बैंक ने बैंक खातों में होने वाली धोखाधड़ी की घटनाओं के प्रति सचेत करने के लिए एसएमएस अभियान तथा मिस्ड कॉल हेल्पलाइन की शुरुआत की है. केंद्रीय बैंक द्वारा लोगों को भेजे जा रहे एसएमएस में कहा गया है, बड़ी मात्रा में धनराशि मिलने के नाम पर किसी तरह का भुगतान नहीं करें.
रिजर्व बैंक या इसके गवर्नर या सरकार कभी भी इस तरह का ई-मेल, संदेश या कॉल नहीं करते. बैंक ने विस्तृत जनकारी और मदद के लिए मिस्डकॉल हेल्पलाइन 8691960000 की भी शुरुआत की है. इस नंबर पर मिस्डकॉल किये जाने के बाद उपभोक्ता को वापस कॉल आता है जिसमें इस तरह की गतिविधियों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी जाती है.
इस कॉल में साइबर सेल एवं स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने संबंधी जानकारियां भी दी जाती हैं. ईमेल, संदेश या कॉल के जरिये लोगों को रिजर्व बैंक से पुरस्कार मिलने या लॉटरी लगने जैसे प्रलोभन दिये जाने की घटनाएं हाल में बढ़ी हैं.
केंद्रीय बैंक के मुताबिक आमतौर पर ठग मोबाइल पर फोन या टेक्स्ट मैसेज अथवा ई-मेल के जरिए बैंक खाताधारकों को रिजर्व बैंक से लॉटरी मिलने का संदेश भेजते हैं. कई मामलों में यह संदेश रिजर्व बैंक के गवर्नर के ई-मेल जैसा दिखने वाले किसी मेल आईडी से भेजा जाता है.
इस हेल्पलाइन नंबर के जरिये रिजर्व बैंक ने धोखाधड़ी के ऐसे मामलों के प्रति बैंक खाताधारकों को अगाह करने की कवायद की है. इसके साथ ही यदि कोई ऐसी धोखाधड़ी का शिकार हो जाता है तो इस हेल्पलाइन नंबर पर उसकी सूचना केंद्रीय बैंक को दी जा सकती है. इससे मामले की जांच करना संभव हो सकेगा.