अमेरिका की रिटेलर कंपनी वाॅलमार्ट ने भारत के ई-कॉमर्स बिजनेस में एंट्री कर ली है. उसने 16 अरब डॉलर में फ्लिपकार्ट में 77 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है.
वॉलमार्ट सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों में मौजूद है. इसकी कमाई 500 अरब डॉलर (तकरीबन 33500 अरब रुपये) तक पहुंच चुकी है. आज दुनिया की सबसे बड़ी रिटेलर कंपनी में से एक वॉलमार्ट की शुरुआत करने वाले सैम वॉल्टन एक सेल्स ट्रेनी के तौर पर काम करते थे. उन्होंने अकेले अपने दम पर खरबों का कारोबार खड़ा किया.
बिजनेस वेबसाइट एंट्रप्रेन्योर के मुताबिक अमेरिका के ऑकलाहोमा में जन्मे
सैम वॉल्टन ने 1940 में पहली नौकरी शुरू की. उन्होंने यहां के
जे.सी. पेन्नी स्टोर में सेल्स ट्रेनी की नौकरी की. उन्हें ग्राहकों को अपने पेपरवर्क की
वजह से इंतजार करवाना अच्छा नहीं लगता था. यही वजह थी कि वे स्टोर के सबसे
नापसंद कर्मचारी थे.
हालांकि इसके बाद भी स्टोर वाले उन्हें निकाल नहीं पाए. क्योंकि वह स्टोर के सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारी थे. हर महीने के अंत में वह 25 डॉलर रुपये का कमीशन भी हासिल कर लेते थे.
दूसरों के मुकाबले कम दाम पर सामान बेचते थे:
सैम वॉल्टन के स्टोर खोलने के बाद दूसरे स्टोर्स के लिए अपना कारोबार करना मुश्किल हो गया था. क्योंकि वह हमेशा अपने उत्पाद को दूसरों के मुकाबले काफी कम कीमतों पर बेचते थे. इस तरह उनके ग्राहक बढ़ते रहे और इसके साथ बढ़ा उनका कारोबार भी.
गांव पर फोकस:
सैम वॉल्टन ने इसके बाद अपने कारोबार का दायरा बढ़ाने के लिए ग्रामीण भागों और छोटे कारोबारियों पर फोकस शिफ्ट किया. इस तरह उन्होंने 1950 में अरकंसास के एक गांव के करीब पहला स्टोर खोला.
1950 से लेकर 1960 तक वह 15 स्टोर देशभर में खोल चुके थे. इसके बाद 1962 में उन्होंने वॉल-मार्ट (वॉलमार्ट) की शुरुआत की और ग्राहकों को दूसरों के मुकाबले ज्यादा छूट देने की अपनी रणनीति बनाए रखी.
ग्राहकों को प्राथमिकता:
वॉल्टन हमेशा ग्राहकों को प्राथमिकता देने पर फोकस करते थे. वह हमेशा यह सुनिश्चित करते थे कि उनके स्टोर में आया ग्राहक संतुष्ट होकर जाए. इसी की बदौलत उन्होंने महज दो सालों के भीतर 13 वॉल मार्ट स्टोर खोल लिए थे. 1980 तक उन्होंने देशभर में 276 स्टोर खोल लिए थे.
टेक्नोलॉजी को प्राथमिकता:
सैम वॉल्टन मानते थे कि गोदाम में ज्यादा माल रखना आय को कम करता है. वह कहते थे कि इतना माल रखा जाए, जो न कम पड़े और न ही ज्यादा हो. इसके लिए उन्होंने टेक्नोलॉजी का सहारा लिया. इसके लिए उन्होंने कैश काउंटर्स पर इलेक्ट्रोनिक स्कैनर लगाए और सामान की पूरी जानकारी रखी.
खर्च को नियंत्रण में रखना:
सैम वॉल्टन कहते थे कि अगर आप सफल होना चाहते हैं, तो आपको अपने प्रतिस्पर्धी के मुकाबले खर्च को नियंत्रित करना होगा. हालांकि इस दौरान यह भी ध्यान रखना होगा कि कस्टमर सैटिस्फेक्शन में कोई कमी न आए. इसी की बदौलत सैम वॉल्टन ने वॉलमार्ट को दुनिया के सबसे बड़ी रिटेल चेन के तौर पर स्थापित किया.