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पार्षद से प्रदेश अध्यक्ष... जानिए कौन हैं संजय सरावगी जिन्हें बीजेपी ने सौंपी बिहार की कमान

बिहार की सत्ता में वापसी के साथ ही बीजेपी ने दिलीप जायसवाल की जगह संजय सरावगी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है. सरावगी ने पार्षद से प्रदेश अध्यक्ष तक का सफर तय किया है. जानिए कौन है कि बिहार में बीजेपी की कमान संभालने वाले संजय सरावगी?

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बिहार बीजेपी के नए अध्यक्ष बने संजय सरावगी (Photo-ITG)
बिहार बीजेपी के नए अध्यक्ष बने संजय सरावगी (Photo-ITG)

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ताबड़तोड़ नियुक्तियां करने में जुटी है. बीजेपी ने अपना कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन को चुना है और अब बिहार में पार्टी संगठन का चेहरा बदल दिया है. बीजेपी ने दिलीप जायसवाल की जगह संजय सरावगी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. सरावगी पार्टी के दिग्गज नेता और पांच बार के विधायक हैं. उन्हें संगठन और सरकार दोनों का सियासी अनुभव है.

संजय सरावगी का राजनीतिक सफर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से शुरू हुआ और उसके बाद वह निगम पार्षद के चुनावी राजनीति के मैदान में उतरे. इसके बाद सरावगी ने कभी पलटकर नहीं देखा और सियासी बुलंदी छूते चले गए. विधायक बनने से लेकर मंत्री तक का सफर करने वाले संजय सरावगी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है.

जानिए कौन हैं संजय सरावगी

बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नियुक्त किए गए संजय सरावगी का जन्म 28 अगस्त 1969 को दरभंगा के मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ. उनके पिता का नाम परमेश्वर सरावगी है. संजय सरावगी बिहार के दरभंगा के गांधी चौक के रहने वाले हैं. उन्होंने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की. उन्होंने एमकॉम और एमबीए की पढ़ाई की है. वह महात्मा गांधी कॉलेज की शासी निकाय के अध्यक्ष भी रहे हैं.

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संजय सरावगी ने अपनी राजनीतिक पारी का आगाज़ छात्र संगठन एबीवीपी से जुड़कर किया. 1990 में समस्तीपुर में लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन करते हुए वह गिरफ्तार हुए थे, जिसके बाद उन्हें 15 दिनों तक जेल में रहना पड़ा. इसके बाद 1995 में बीजेपी की सदस्यता ली और युवा मोर्चा से जुड़ गए और संगठन में विभिन्न पदों पर रहे.

पार्षद से प्रदेश अध्यक्ष तक का सफर

संजय सरावगी ने नगर निगम के पार्षद सीट से चुनावी मैदान में कदम रखा. 2000 में दरभंगा के निगम वार्ड से पार्षद चुने गए और दो साल बाद नगरपालिका चुनाव में फिर से पार्षद बने. इसके बाद 2005 में पार्टी ने उन्हें दरभंगा नगर सीट से विधानसभा चुनाव के मैदान में उतारा. विधायक बनने के साथ ही उन्होंने दरभंगा नगर को बीजेपी के सबसे मजबूत गढ़ में से एक में बदल दिया. वह इस सीट से लगातार छह चुनाव जीत चुके हैं.

सरावगी 20 साल से एक ही सीट से विधायक बनते आ रहे हैं. वह फरवरी 2005, नवंबर 2005, 2010, 2015, 2020 और 2025 में बीजेपी के टिकट पर दरभंगा सदर से विधायक चुने गए. नीतीश कुमार की अगुवाई वाली पिछली सरकार में कैबिनेट विस्तार में उन्हें मंत्री बनाया गया था. वह मैथिली भाषा में पद और गोपनीयता की शपथ लेकर सुर्खियों में आए थे.

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वैश्य समुदाय से आते हैं सरावगी

संजय सरावगी दरभंगा और मिथिला क्षेत्र में बीजेपी के चर्चित चेहरा माने जाते हैं. सरावगी वैश्य समुदाय से आते हैं. व्यापारी वर्ग में उनकी अच्छी पकड़ है. राजनीतिक अनुभव और संगठनात्मक उपयोगिता के चलते उन्हें पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया है.

वैश्य समाज को बीजेपी का कोर वोटबैंक माना जाता है. संजय जायसवाल और दिलीप जायसवाल के बाद संजय सरावगी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने अपने परंपरागत वैश्य समाज को सियासी संदेश देने की कवायद की है.

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