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'RDX वाले 4 बम प्लांट हैं...', पटना सिविल कोर्ट को मिली विस्फोट से उड़ाने की धमकी

पटना पुलिस ने इस संबंध में सूचना मिलते ही कोर्ट परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी और सघन तलाशी अभियान शुरू किया. डॉग स्कवॉयड की टीम के जरिए पूरे कोर्ट परिसर की जांच की गई. पटना सिविल कोर्ट आने-जाने वाले लोगों की भी कड़ी जांच की जा रही है. 

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पटना सिविल कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी भरा ईमेल मिला. (Photo: ITG)
पटना सिविल कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी भरा ईमेल मिला. (Photo: ITG)

पटना सिविल कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है. यह धमकी ईमेल के जरिए गुरुवार दी गई, जिसमें कहा गया कि कोर्ट रूम और कोर्ट परिसर में आरडीएक्स विस्फोटक वाले 4 आईईडी बम प्लांट किए गए हैं. जज को शुक्रवार दोपहर 2 बजे तक बाहर निकाल लें. पटना पुलिस ने इस संबंध में सूचना मिलते ही कोर्ट परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी और सघन तलाशी अभियान शुरू किया.

डॉग स्कवॉयड की टीम के जरिए पूरे कोर्ट परिसर की जांच की गई. पटना सिविल कोर्ट आने-जाने वाले लोगों की भी कड़ी जांच की जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि एहतियात के तौर पर परिसर में अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है तथा ईमेल के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है. 

द्रविड़ियन मॉडल क्लब के निवेथा पेथुराज उदयनिधि के नाम से भेजे गए इस धमकी वाले ईमेल में लिखा गया, 'बिहार से ​तमिलनाडु आने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या बढ़ने से तमिलनाडु की स्थानीय जनसंख्या संरचना प्रभावित हो रही है. 4 RDX IEDs न्यायाधीश के कक्ष और न्यायालय परिसर के भीतर विवेकपूर्ण ढंग से स्थापित. जज को शुक्रवार दोपहर 2 बजे तक बाहर निकाल लें. यह अभियान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से किया गया है. बिहारी श्रमिक चेन्नई योजना बंद करें. आज का आरडीएक्स ब्लास्ट सभी तमिलों की ओर से एक संदेश होगा.'

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यह भी पढ़ें: बिहार में 3 लाख 'संदिग्ध' वोटर्स को नोटिस, ECI ने नागरिकता सत्यापित करने को कहा... वरना मतदाता सूची से कटेगा नाम

AK-47 बरामदगी मामले में एक आरोपी गिरफ्तार

एक अलग घटनाक्रम में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मुजफ्फरपुर एके-47 राइफल और गोला-बारूद जब्ती मामले में वांटेड आरोपी मंजूर खान उर्फ ​​बाबू भाई को गिरफ्तार कर लिया है. खान मुख्य आरोपी विकास कुमार का करीबी सहयोगी था, जो कथित तौर पर नागालैंड से बिहार में एके-47 राइफलों सहित अन्य प्रतिबंधित हथियारों की तस्करी में शामिल था. जांच से पता चला कि मंजूर खान ने अपने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर सार्वजनिक शांति भंग करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के इरादे से हथियारों की तस्करी की साजिश रची थी.

यह मामला मूल रूप से फकुली पुलिस द्वारा मुरघटिया पुल पर एक एके-47 राइफल, लेंस और जिंदा कारतूस बरामद होने के बाद दर्ज किया गया था. उस समय चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था और आर्म्स एक्ट के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था. अगस्त 2024 में जांच की जिम्मेदारी अपने हाथ में लेने वाली एनआईए ने बाद में विकास कुमार, सत्यम कुमार, देवमणि राय और अहमद अंसारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धारा 13 और 18 के तहत एक पूरक आरोपपत्र दायर किया. अधिकारियों ने बताया कि मामले में आगे की जांच जारी है.

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