बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इसे लेकर सूबे में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. मकर संक्रांति के बहाने दही चूड़ा पर आमंत्रित कर राजनीतिक विसात बिछाई जाने लगी है. इसी क्रम में समस्तीपुर से आरजेडी विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार को अब गद्दी छोड़कर तेजस्वी यादव को सौंप देना चाहिए. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने 20 साल के शासन में जो क्षमता थी, उससे काम किया. लेकिन हर चीज का एक वक्त होता है, जिम्मेदारी पूरी करने के बाद पद को रिक्त कर देना चाहिए और नई पीढ़ी को जिम्मेदारी देनी चाहिए, ताकि बिहार में विकास हो सके.
स्थानीय विधायक शाहीन ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार 20 साल काम कर चुके हैं. इसलिए मकर संक्रांति के बाद तेजस्वी यादव को बिहार की बागडोर सौंप दें और नए सिरे से बिहार को आगे बढ़ाने के लिए काम करें. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को ये फैसला खुद लेना चाहिए. मुख्यमंत्री का जो उद्देश्य था राजनीति में आना और मुख्यमंत्री बनना, वो अब पूरा हो चुका है. अब एक समय आ गया है कि वह पद रिक्त करके नई पीढ़ी तेजस्वी यादव के कंधे पर जिम्मेदारी दें.
आरजेडी विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा का कटाक्ष करते हुए कहा कि ये नीतीश कुमार की अंतिम यात्रा है, ये यात्रा सुखमय रहें, क्योंकि गरीब प्रदेश में सबसे ज्यादा खर्च करके उनका स्वागत किया जा रहा है. ये एक तरह से बिहारवासियों पर बोझ है.
'बिहार में खुलेआम हो रहा संविधान का उल्लंघन'
आरजेडी के 4 विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के सवाल पर राजद की ओर से विरोधी दल के मुख्य सचेतक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कहा कि बिहार में खुलेआम संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है. दलबदल जो कानून है उसका उल्लंघन किया जा रहा है. राजद के चार विधायक न केवल सत्ता पक्ष की ओर बैठते हैं, बल्कि मतदान में हिस्सा लेते हैं. इसे लेकर हम लोग विधानसभा अध्यक्ष से मिले हैं, क्योंकि एक वर्ष पूरा हो गया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. शाहीन ने कहा कि राजद के विधायक को भाजपा का प्रवक्ता बनाया जा रहा है, इससे पूरे देश में बिहार की छवि धूमिल हो रही है. टीवी डिबेट में संगीता कुमारी को भाजपा प्रवक्ता के रूप में बैठाया जा रहा है.
'आलोक मेहता पर डाला जा रहा दवाब'
राजद के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता के 18 ठिकानों पर ED द्वारा रेड के सवाल पर शाहीन ने कहा कि राजद की लोकप्रियता बढ़ी है, उसे देखकर भाजपा बौखला गई है. नेताओं को टारगेट किया जा रहा है. इस रेड का कोई मतलब नही है, कोई पैसे की बरामदगी नहीं हुई है. छापेमारी करके आलोक कुमार मेहता पर दवाब डाला जा रहा है कि वे राजद छोड़ दें और भाजपा में चले आएं. आलोक मेहता बूथ सिपाही हैं, वह राजद के साथ ही रहेंगे.