बिहार के कटिहार जिले में तैनात बरसोई प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) हरिओम शरण को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया. उन्होंने कुछ दिन पहले विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) के दौरान एक वरिष्ठ अधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
कटिहार जिला प्रशासन द्वारा जारी बयान में बताया गया कि जिलाधिकारी मनीष कुमार मीणा ने निलंबन का आदेश जारी किया है. जिलाधिकारी ने कहा कि हरिओम शरण को कारण बताओ नोटिस भेजा गया था, लेकिन उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया.
प्रशासन की छवि खराब करने की कोशिश का आरोप
बयान में यह भी कहा गया कि शरण ने सोशल मीडिया और समाचार पत्रों के जरिए सरकार और प्रशासन की छवि खराब करने की कोशिश की, जो एक सरकारी कर्मचारी के आचरण के खिलाफ है. इसलिए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी.
BDO ने लगाया था मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप
हरिओम शरण ने पिछले सप्ताह यह आरोप लगाया था कि संबंधित एसडीओ (अनुविभागीय अधिकारी) उन्हें मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान में लक्ष्य पूरा करने के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं. इसी वजह से उन्होंने इस्तीफा देने का दावा किया था.
उनका यह कथित इस्तीफा सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ था, लेकिन जिलाधिकारी मनीष कुमार मीणा ने सोमवार को पीटीआई को बताया कि उन्हें ऐसा कोई इस्तीफा आधिकारिक रूप से नहीं मिला है. साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी थी कि शरण ने बाद में माफी मांगकर फिर से ड्यूटी ज्वाइन कर ली थी.
बिना अनुमति के मीडिया में बयान दिया
अब प्रशासन ने यह साफ कर दिया है कि नियमों और सरकारी सेवा के आचरण के उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा. BDO हरिओम शरण पर सोशल मीडिया के ज़रिए बदनाम करने और बिना अनुमति के मीडिया में बयान देने का आरोप है, जो सेवा नियमों के विरुद्ध है. प्रशासन ने कहा है कि आगे की विभागीय कार्रवाई नियमों के तहत पूरी पारदर्शिता से की जाएगी.