'मिडिल ईस्ट में किसी और को दिया तो...', सऊदी को F-35 देने के ट्रंप के ऐलान पर भड़का इजरायल

अमेरिका ने सऊदी अरब को एडवांस F-35 फाइटर जेट देने की घोषणा की है. सऊदी अमेरिका से बड़ी संख्या में फाइटर जेट्स चाहता है जिसे ट्रंप ने स्वीकार कर लिया है. इसे लेकर इजरायल की चिंता बढ़ गई है क्योंकि वो कभी नहीं चाहेगा कि किसी भी अरब देश के पास इस तरह का जेट हो.

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अमेरिका-सऊदी के बीच फाइटर जेट्स की डील से इजरायल जल-भुन गया है (Photo: AFP) अमेरिका-सऊदी के बीच फाइटर जेट्स की डील से इजरायल जल-भुन गया है (Photo: AFP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:40 PM IST

मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) के बीच हुई मुलाकात ने इजरायल की नींद उड़ा दी हैं. इजरायल की चिंता जायज इसलिए भी है क्योंकि ट्रंप ने एमबीएस से मुलाकात में सऊदी को अपना अत्याधुनिक फाइटर जेट देने की घोषणा कर दी है. ट्रंप सऊदी को F-35 फाइटर जेट दे रहे हैं जिससे इजरायल को बड़ा झटका लगा है. इजरायल ने अमेरिका के इस कदम पर आपत्ति जताई है.

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इजरायल की सेना IDF (Israel Defense Forces) का कहना है कि अमेरिका-सऊदी के बीच फाइटर जेट्स की डील से इजरायल की हवाई बढ़त को नुकसान पहुंच सकता है.

स्थानीय अखबार  'द टाइम्स ऑफ इजरायल' ने एक रिपोर्ट में बताया कि इजरायली वायुसेना ने बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार को सौंपे गए एक औपचारिक पोजिशन पेपर में फाइटर जेट्स की डील पर आपत्ति जताई है.

F-35 फाइटर जेट्स की डील पर इजरायल की सेना क्या बोली?

ट्रंप और सऊदी क्राउन प्रिंस के बीच स्टील्थ फाइटर जेट्स को लेकर बात बन गई है. डील के बाद भी सऊदी अरब को पहले जेट की डिलीवरी में कम से कम सात साल लगने की संभावना है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, सऊदी अरब ने अमेरिका से लगभग 48 फाइटर जेट्स की मांग की है.

आईडीएफ के डॉक्यूमेंट के अनुसार, F-35 की बिक्री पर इजरायली सेना को आपत्ति है और यही उनका आधिकारिक रुख है. डॉक्यूमेंट में कहा गया है, 'अगर मिडिल ईस्ट के अन्य देशों को ये एडवांस स्टील्थ जेट मिलते हैं तो इजरायल की हवाई बढ़त कमजोर पड़ सकती है. यह बात इजरायल पहले भी कहता रहा है.'

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इजरायल मिडिल ईस्ट में अपनी क्वालिटी बेस्ड सैन्य बढ़त बनाए रखने के लिए सबसे एडवांस्ड जेट्स को अपने पास रखना चाहता है. इसके लिए उसने अमेरिका से डील भी की है. पहले जब तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) सहित अन्य नजदीकी देशों ने F-35 खरीदने की कोशिश की थी तब इजरायल ने अमेरिका पर दबाव डालकर डील रुकवा दी थी.

अमेरिका के खुफिया और रक्षा अधिकारी भी डील को लेकर चिंतित

पिछले हफ्ते, द न्यूयॉर्क टाइम्स ने रिपोर्ट किया कि अमेरिकी खुफिया और रक्षा अधिकारियों को भी चिंता है. उनका मानना है कि सऊदी अरब को F-35 लड़ाकू विमान बेचने से मध्य पूर्व में इजरायल का सैन्य प्रभुत्व प्रभावित हो सकता है.

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी खुफिया अधिकारियों को यह भी आशंका है कि F-35 की संवेदनशील तकनीक चीन तक पहुंच सकती है, और यह कदम मध्य पूर्व में शक्ति संतुलन को भी बिगाड़ सकता है.

F-35, जिसे दुश्मन की निगरानी से बचाने वाली एडवांस स्टील्थ टेक्नोलॉजी के साथ बनाया गया है, दुनिया का सबसे एडवांस फाइटर जेट माना जाता है.

इजरायल लगभग एक दशक से इस विमान को ऑपरेट कर रहा है और इसके कई स्क्वाड्रन स्थापित कर चुका है. इजरायल मिडिल ईस्ट का एकमात्र देश है जिसके पास यह जेट है. इजरायली वायुसेना के पास वर्तमान में ऐसे 45 जेट्स हैं 30 और जेट्स का ऑर्डर दिया गया है. 

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