'जेलेंस्की जितना चाहे लड़ें, लेकिन...' शांति प्रस्ताव पर ट्रंप ने यूक्रेन को दे दी लास्ट वॉर्निंग!

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए तैयार किए गए शांति प्रस्ताव को "फाइनल ऑफर" मानने से इनकार किया है, लेकिन यूक्रेन पर 27 नवंबर तक जवाब देने का दबाव बना हुआ है. पश्चिमी देशों ने ड्राफ्ट में कई गंभीर खामियों पर आपत्ति जताई है, जबकि यूक्रेन इसे अपनी सुरक्षा और सम्मान पर बड़ा सवाल मान रहा है.

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अमेरिका ने यूक्रेन में शांति के लिए पीस प्लान तैयार किया है. (File Photo- AP) अमेरिका ने यूक्रेन में शांति के लिए पीस प्लान तैयार किया है. (File Photo- AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:42 PM IST

रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए तैयार किए गए अमेरिकी शांति प्रस्ताव को लेकर यूक्रेन, अमेरिका और पश्चिमी देशों में गहरी हलचल मची हुई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को साफ किया कि यह प्रस्ताव उनका "फाइनल ऑफर" नहीं है, लेकिन वे 27 नवंबर तक की समयसीमा पर अड़े हैं. ट्रंप ने कहा कि यदि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की इसे स्वीकार नहीं करते, तो उन्हें "लड़ना जारी रखना होगा", लेकिन अमेरिका किसी न किसी तरह इस युद्ध को खत्म कराने की दिशा में आगे बढ़ेगा.

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इस बीच अमेरिकी राजनीति में भी विवाद गहरा गया है. रिपब्लिकन सीनेटर माइक राउंड्स ने दावा किया कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सीनेटरों से कहा है कि यह 28-बिंदुओं वाला शांति प्रस्ताव "रूसी-सोर्स्ड दस्तावेज़" है. हालांकि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है. यह आरोप प्रस्ताव की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े कर रहा है.

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योजना के लीक हुए हिस्सों से पता चलता है कि यह प्रस्ताव यूक्रेन से डोनेत्स्क के कुछ इलाकों से पीछे हटने की मांग करता है, जबकि रूस के नियंत्रण में रहे डोनेत्स्क, लुहान्स्क और क्रीमिया को व्यावहारिक तौर पर स्वीकार करता है.

6 लाख सैनिक तय करने की बात भी शामिल

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साथ ही, खेरसॉन और जापोरिज़्झिया के मौजूदा मोर्चों को भी स्थिर रखने का सुझाव दिया गया है. प्रस्ताव में यूक्रेन की सेना की अधिकतम ताकत 6 लाख सैनिक तय करने की बात भी शामिल है. यूरोपीय नेताओं का कहना है कि ऐसी सैन्य सीमा भविष्य में रूस के लिए नया हमला आसान बना सकती है.

G20 में जारी एक संयुक्त बयान में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन और कई अन्य देशों ने कहा कि अमेरिकी ड्राफ्ट "एक आधार तो है, लेकिन इसमें काफी सुधार की जरूरत है." उनका जोर था कि सीमाएं बलपूर्वक नहीं बदली जा सकतीं और किसी भी समझौते में यूक्रेन की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए.

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यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिका को लेकर किया आगाह

इसी पृष्ठभूमि में राष्ट्रपति जेलेंस्की ने शुक्रवार को एक भावुक संदेश में कहा कि यूक्रेन "अपनी इतिहास की सबसे कठिन घड़ी" में खड़ा है. उन्होंने चेतावनी दी कि देश के सामने "इज्जत खोने या एक अहम साझेदार खोने" जैसा मुश्किल चुनाव भी आ सकता है. जेलेंस्की ने अपने चीफ ऑफ स्टाफ आंद्रिय यरमाक को वार्ता टीम का प्रमुख नियुक्त करते हुए कहा कि यूक्रेनी प्रतिनिधि "देश की गरिमा और सुरक्षा की रक्षा" के लिए तैयार हैं.

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जिनेवा में रविवार को अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और यूक्रेन के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी इस ड्राफ्ट को संशोधित करने पर विचार करेंगे. वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि अमेरिका का प्रस्ताव "एक आधार" हो सकता है, लेकिन रूस सैन्य कार्रवाई जारी रखने के लिए भी तैयार है. इस बीच स्टेट डिप्टी प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने दावों को खारिज किया, कहा कि यूक्रेन प्लान US ने बनाया था, जिसमें रूस और यूक्रेन का इनपुट था.

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