अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच शुक्रवार को फोन पर बातचीत हुई. यह बातचीत करीब तीन महीने बाद हुई है. जून के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली सीधी बातचीत मानी जा रही है. इस कॉल के दौरान दोनों नेताओं के बीच मुख्य रूप से व्यापार संबंधी तनाव और टिकटॉक सौदे पर चर्चा हुई.
चीनी सरकारी प्रसारक सीसीटीवी ने इस बातचीत की पुष्टि की, लेकिन विस्तृत जानकारी साझा नहीं की. वहीं, व्हाइट हाउस की ओर से भी अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
बता दें कि अमेरिका और चीन के बीच बीते कुछ समय से व्यापारिक तनाव बना हुआ है. ट्रंप प्रशासन बीजिंग पर टैरिफ और बाजार पहुंच को लेकर दबाव बना रहा है. इसके साथ ही अमेरिका टिकटॉक जैसे चीनी ऐप्स की सुरक्षा और डाटा को लेकर भी सख्ती दिखा रहा है. ऐसे में यह भी बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच टैरिफ से ज्यादा अहम चर्चा टिकटॉक डील को लेकर हुई है.
अमेरिका में टिकटॉक को लेकर विवाद जारी
टिकटॉक की अमेरिकी मौजूदगी को लेकर लगातार विवाद जारी है. अमेरिकी सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर इसकी पैरेंट कंपनी बाइटडांस (ByteDance) अमेरिकी ऑपरेशन्स नहीं बेचती या सख्त डाटा लोकलाइजेशन और निगरानी नियमों का पालन नहीं करती, तो अमेरिका में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.
एशिया-प्रशांत शिखर सम्मेलन से पहले अहम बातचीत
विश्लेषकों का मानना है कि दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत केवल व्यापार और टिकटॉक तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आगामी मुलाकात की तैयारी भी है. खबरों के अनुसार, ट्रंप और शी जिनपिंग की आमने-सामने मुलाकात एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन के दौरान हो सकती है, जो 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक दक्षिण कोरिया में आयोजित होने वाला है.
क्यों अहम है यह कॉल?
अमेरिका–चीन रिश्ते पिछले कुछ सालों से लगातार खटास से गुजर रहे हैं. व्यापार युद्ध, तकनीकी सुरक्षा, दक्षिण चीन सागर और ताइवान मुद्दे ने दोनों महाशक्तियों के बीच अविश्वास को गहरा किया है. ऐसे में, तीन महीने बाद हुई यह फोन कॉल संकेत देती है कि दोनों पक्ष कम से कम संवाद की राह को खुला रखना चाहते हैं. हालांकि यह देखना बाकी है कि टिकटॉक सौदे और व्यापार समझौते पर कोई ठोस प्रगति होती है या यह बातचीत सिर्फ कूटनीतिक औपचारिकता साबित होती है.
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