रूस ने यूक्रेन पर शनिवार को फिर से बड़ा हमला किया. रूस ने हमले में 450 से अधिक ड्रोन और 45 मिसाइलों का इस्तेमाल कर यूक्रेन के ऊर्जा बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया है. इन हमलों में कम से कम सात लोगों के मारे जाने की खबर है. साथ ही कीव, पोल्टावा और खार्किव समेत कई इलाकों में एनर्जी बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान की जानकारी मिली है.
यूक्रेनी अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि रूस ने शनिवार रात को महीनों बाद यूक्रेन पर एक बार फिर बड़ा हमला किया, जिसमें 450 से अधिक ड्रोन और 45 मिसाइलें दागीं. इन हमलों में कम से कम सात लोग मारे गए और कीव, पोल्टावा तथा खार्किव समेत कई क्षेत्रों में ऊर्जा बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचा है.
दनित्रों में तीन की मौत, 12 घायल
यूक्रेनी अधिकारी ने बताया कि इस हमले में यूक्रेन के प्रमुख शहरों में बड़ा नुकसान हुआ है. दनित्रो में एक ड्रोन ने अपार्टमेंट भवन को निशाना बनाया, जिसमें तीन लोग मारे गए और 12 घायल हो गए. जापोरिज्जिया में तीन अन्य लोगों की मौत हुई, जबकि खार्किव में एक व्यक्ति की जान चली गई.
यूक्रेन की ऊर्जा मंत्री स्वित्लाना ह्रिनचुक ने कहा कि आपातकालीन टीमों ने बिजली ग्रिड को स्थिर कर दिया है, लेकिन व्यापक क्षति की मरम्मत के लिए निरंतर रोलिंग ब्लैकआउट आवश्यक हैं.
बिजली उत्पादन संयंत्र बंद
राज्य स्वामित्व वाली ऊर्जा कंपनी त्सेंट्रएनर्जो ने इस हमले को फरवरी 2022 में पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू होने के बाद अपनी सुविधाओं पर सबसे बड़ा बताया. कंपनी ने पुष्टि की कि कीव और खार्किव क्षेत्रों में उसके सभी बिजली उत्पादन संयंत्र अब बंद हैं. कंपनी ने कहा, 'हमारा उत्पादन अब शून्य है.'
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इन हमलों की कड़ी निंदा की और पश्चिमी देशों से रूसी ऊर्जा पर कड़े प्रतिबंध लगाने की अपील की. उन्होंने कहा कि मॉस्को सर्दी से पहले जानबूझकर नागरिकों को निशाना बना रहा है.
यूक्रेनी हमलों का जवाब
इसी बीच रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि ये हमले हालिया यूक्रेनी हमलों का जवाब थे. रूसी मंत्रालय ने हथियार उत्पादन तथा ऊर्जा सुविधाओं पर सफल हमले की पुष्टि की है.
'406 ड्रोन और 9 मिलाइलें गिराईं'
यूक्रेन की वायुसेना ने बताया कि उसने 406 ड्रोन और नौ मिसाइलें मार गिराईं, लेकिन 52 ड्रोन और 26 मिसाइलें पूरे देश में 25 लक्ष्यों पर गिरीं. क्रेमेंचुक और होरिश्नी प्लाव्नी जैसे शहरों में बिजली की आपूर्ति लगभग पूरी तरह कट गई है और पानी की आपूर्ति के लिए जनरेटरों पर निर्भरता बढ़ गई है, जबकि टीमें बिजली और हीटिंग बहाल करने के लिए दौड़ रही हैं.
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