रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त न करा पाने से परेशान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस को चोट पहुंचाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. इसी हफ्ते की शुरुआत में उन्होंने रूस के खिलाफ अतिरिक्त प्रतिबंधों की चेतावनी दी थी और यूरोपीय देशों से रूसी तेल न खरीदने का आग्रह किया था. ट्रंप की नई चेतावनी के बाद रूस का जवाब आया है. रूस ने अपने रुख में नरमी लाते हुए बुधवार को कहा कि रूस यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को कूटनीतिक माध्यम से सुलझाने से लिए तैयार है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने बुधवार को कहा, ' रूस यूक्रेन में संघर्ष को डिप्लोमैटिक तरीके से सुलझाने के लिए तैयार है.'
पेस्कोव से अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की रूस के खिलाफ अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने की चेतावनी और यूरोपीय संघ से रूसी तेल खरीदना बंद करने के आह्वान पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी जिसके जवाब में उन्होंने यह टिप्पणी की.
राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को कहा कि युद्ध के बावजूद यूरोपीय संघ रूस से तेल खरीद रहा है और यह खरीद बंद होनी चाहिए. पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ शांति समझौता करना होगा.
ट्रंप ने कहा, 'जेलेंस्की को समझौता करना होगा और यूरोप को रूस से तेल खरीदना बंद करना होगा.'
इससे एक दिन पहले ट्रंप ने कहा था कि वो नहीं चाहते, यूरोपीय देश रूस से तेल खरीदें. उन्होंने यह भी कहा था कि रूस पर यूरोपीय देशों के प्रतिबंध पर्याप्त रूप से प्रभावी नहीं हैं.
उन्होंने कहा, 'यूरोप रूस से तेल खरीद रहा है. मैं नहीं चाहता कि वो तेल खरीदें... और वो जो प्रतिबंध लगा रहे हैं, वे पर्याप्त रूप से कड़े नहीं हैं. मैं प्रतिबंध लगाने को तैयार हूं, लेकिन उन्हें मेरे प्रतिबंधों की तरह की अपने प्रतिबंध भी कड़े करने होंगे.'
ट्रंप ने इससे पहले रूसी तेल के खरीददार भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है. भारत ने इस टैरिफ को अनुचित बताते हुए कहा था, 'किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था की तरह, भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा.'
ट्रंप ने अपने नाटो सहयोगियों से चीन पर भी 50 से 100 प्रतिशत की दर से शुल्क लगाने का आग्रह किया. भारत की तरह चीन पर भी रूस को व्यापार के जरिए वित्तीय मदद करने का आरोप लगा है.
चीन ने अप्रत्यक्ष रूप से इसका जवाब दिया है. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, 'चीन जटिल मुद्दों को हल करने के लिए शांति वार्ता को बढ़ावा देने की खातिर प्रतिबद्ध है. युद्ध समस्याओं को हल नहीं कर सकते हैं और प्रतिबंध केवल उन्हें जटिल बनाएंगे.'
चीन ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि चीन युद्ध का हिस्सा नहीं बनता और युद्ध की प्लानिंग भी नहीं करता है.
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