क्या PAK के न्यूक्लियर ठिकाने पर भारतीय हमले के बाद हो रहा रेडिएशन लीक? सवाल को टाल गया अमेरिका

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंक के अड्डों को निशाना बनाकर हमला किया था. पाकिस्तान के सरगोधा और नूर खान एयरबेस पर भी हमले किए गए थे. कहा जा रहा है कि पाकिस्तान सेना ने इन दो जगहों के आसपास परमाणु हथियार रखे हुए हैं. भारत के हमलों की वजह से यहां न्यूक्लियर ठिकानों से रेडिएशन लीक हो रही है. 

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(फाइल फोटो: रॉयटर्स) (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2025,
  • अपडेटेड 11:22 AM IST

भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकवाद की कमर तोड़कर रख दी. ऐसे में सोशल मीडिया से लगातार ऐसी खबरें सामने आ रही हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान के सरगोधा के पास से न्यूक्लियर रेडिएशन रिसाव हो रहा है. अब अमेरिकी सरकार ने इस पर  प्रतिक्रिया दी है.

दावा किया जा रहा है कि सरगोधा एयरबेस के पास किराना हिल्स पर पाकिस्तान के परमाणु हथियार हैं. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सरगोधा पर हमले के बाद न्यूक्लियर रेडिएशन रिसाव हो रहा है. कहा जा रहा है कि अमेरिका ने रेडिएशन की जांच के लिए अपनी टीम पाकिस्तान भेजी है.  

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इस संबंध में जब अमेरिकी विदेश विभाग के प्रिंसिपल डिप्टी स्पोक्सपर्सन टॉमी पिगॉट से पूछा गया कि क्या न्यूक्लियर रेडिएशन लीक की जांच के लिए अमेरिकी टीम पाकिस्तान गई है? तो इस पर उन्होंने कहा कि मेरे पास इस समय इस पर बात करने या कोई अंदाजा लगाने के लिए कुछ भी नहीं है.

बता दें कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंक के अड्डों को निशाना बनाकर हमला किया था. पाकिस्तान के सरगोधा और नूर खान एयरबेस पर भी हमले किए गए थे. कहा जा रहा है कि पाकिस्तान सेना ने इन दो जगहों के आसपास परमाणु हथियार रखे हुए हैं. भारत के हमलों की वजह से यहां रेडिएशन लीक हो रही है. हालांकि, भारत सरकार ने ऐसी तमाम खबरों का खंडन किया है. 

भारतीय वायु सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 10 मई को कम से कम आठ पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसके बाद सैटेलाइट तस्वीरों से इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्राउंड पर काफी नुकसान होने की पुष्टि हुई. इनमें रफ़ीकी, मुरीदके, चकलाला, रहीम यार खान, सकर, चुनियन, पसरूर और सियालकोट में रडार सेंटर, कमांड और कंट्रोल सेंटर और गोला-बारूद डिपो शामिल थे. 

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वहीं, किराना हिल्स और आसपास के क्षेत्रों को 2023 की एक रिपोर्ट में सबक्रिटिकल न्यूक्लियर टेस्ट साइट के रूप में पहचाना गया था, जो बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स नामक एक NGO द्वारा पब्लिश की गई थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि इस साइट पर गोला-बारूद स्टोरेज एरिया, टीईएल (ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर) गैरेज और कम से कम दस अंडरग्राउंड स्टोरेज फैसिलिटी मौजूद हैं.

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